Pakistan News: पाकिस्तान में पूर्व पीएम इमरान खान के बाद उनके पार्टी के एक और नेता को 34 साल की सजा सुनाई है. आतंकवाद विरोधी अदालत ने मंगलवार को गिलगित-बाल्टिस्तान के पूर्व सीएम व पीटीआई नेता खालिद खुर्शीद खान को राजद्रोह और आतंकवाद के मामले ये सजा सुनाई है.
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार अपने विरोधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है. पूर्व पीएम इमरान खान को जेल डलवाने के बाद अब एक पूर्व सीएम व पीटीआई नेता को लंबे समय के जेल में डलवा दिया है. वहां की आतंकवाद विरोधी अदालत ने मंगलवार को गिलगित-बाल्टिस्तान के पूर्व सीएम खालिद खुर्शीद खान को 34 साल जेल की सजा सुनाई है. उनके ऊपर क्षेत्र की सुरक्षा एजेंसियों को धमकी देने का आरोप था.
दरअसल, जुलाई 2024 में एक विरोध प्रदर्शन के बाद शहबाज सरकार ने उनके खिलाफ राजद्रोह और आतंकवाद के मामले दर्ज किए थे और उन पर धमकी भरा भाषण देने का आरोप लगाया गया था. प्रॉसिक्यूटर के अनुसार, गिलगित-बाल्टिस्तान की आतंकवाद विरोधी अदालत-1 ने अपने फैसले में कहा कि खान ने 26 जुलाई, 2024 को गिलगित में विरोध प्रदर्शन के दौरान वहां के मुख्य सचिव, पुलिस कर्मियों और खुफिया एजेंसियों को धमकी दी थी.
प्रॉसिक्यूटर ने आगे बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री ने कथित तौर पर कहा था कि अगर वह दोबारा सत्ता में आए तो किसी को नहीं बख्शेंगे. मामले में आगे आरोप लगाया गया कि खान ने संवेदनशील संस्थानों के खिलाफ हिंसा भड़काई. मामला दर्ज होने के बाद एक संयुक्त जांच दल (जेआईटी) का गठन किया गया, जिसने खान को दोषी पाया. हालांकि, फिलहाल खान फरार है.
खान के पहचान पत्र को ब्लॉक करने के आदेश
वहीं, अदालत ने अपने फैसले में कहा कि मामले की कार्यवाही के दौरान अभियोजन पक्ष खान के खिलाफ आरोपों को साबित करने में सफल है, जिसकी वजह से उन्हें अलग-अलग धाराओं के तहत 34 साल की जेल और जुर्माना लगाया गया.
लंबी सजा के अलावा 60 का हजार का जुर्माना
लंबी सजा के अलावा, कोर्ट ने राजनेता पर 600,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया और पुलिस को उसे गिरफ्तार करने और उसकी सजा को लागू करने का हु्क्म दिया. इतना ही नहीं अदालत ने नेशनल डेटाबेस और पंजीकरण प्राधिकरण (NADRA) को उसके कम्प्यूटरीकृत राष्ट्रीय पहचान पत्र को ब्लॉक करने का भी आदेश दिया है.
खान को फर्जी डिग्री मामले ठहराया गया था आयोग्य
उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) गिलगित-बाल्टिस्तान ने अदालत के फैसले को मानने से इनकार कर दिया और घोषणा की कि उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा. इससे पहले, खान पीटीआई शासन के दौरान क्षेत्र के मुख्यमंत्री बने थे. उन्होंने फर्जी डिग्री मामले में जुलाई 2023 में अयोग्य ठहराए जाने तक 2020 से मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था.