पटना: सुबह 4 बजे शुरू हुआ पटना पुलिस का ड्रामा शाम होते होते खत्म हो गया. प्रशांत किशोर मामले में पटना पुलिस को काफी फजीहत झेलनी पड़ी. दरअसल बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा दोबारा कराने की मांग को लेकर गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे जन सुराज पार्टी के मुखिया प्रशांत किशोर को पटना पुलिस ने लगभग 4 बजे सुबह गिरफ्तार किया. जिसके बाद उन्हें करीब 7 घंटे तक एंबुलेंस में पटना में घुमाया जाता है. कभी उन्हें एम्स पटना में तो कभी पटना से सटे नौबतपुर तो कभी पीपलावां घुमाया जाता है. अंत में उन्हें पटना सिविल कोर्ट में पेश करने से पहले अनिवार्य मेडिकल जांच के लिए शहर से दूर फतुहा ले जाया जाता है.


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फतुहा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में प्रशांत किशोर की स्वास्थ्य जांच कराने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया. जहां उन्हें कंडीशनल बेल दिया जा रहा था लेकिन उन्होंने इसके बदले जाना पसंद किया. बाद में उन्हें कोर्ट से बिना शर्त जमानत मिल गई. जिसके बाद उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि पूरे दिन में उन्हें कई ऐसे पुलिस वाले मिले जिन्होंने कहा कि मैं भी जन सुराज से जुड़ा हुआ हूं. अगर नौकरी का सवाल नहीं होता तो हम आपके ही समर्थन में हैं.


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इसके अलावा उन्होंने कहा कि पुलिस ने कोई भी ऐसा चार्ज उनके खिलाफ कोई भी ऐसा चार्ज भी नहीं था जिसके लिए कोर्ट जाना पड़े. जितने भी मामले में दर्ज थे उसमें थाने से ही बेल दिया जा सकता था लेकिन पुलिस अपनी फजीहत कराने के लिए पहले पूरे दिन पटना में घुमाते रहे बाद में प्रशांत किशोर को कोर्ट में पेश किया गया. बता दें कि प्रशांत किशोर पर पहला मुकदमा 26 दिसंबर को बीपीएससी परीक्षार्थियों को गांधी मैदान में जुटाने के आरोप में किया था. वहीं दूसरा मुकदमा गांधी मैदान में बिना इजाजत भूख हड़ताल करने के लिए दर्ज किया गया था.


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