PM Modi Full Speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में मणिपुर हिंसा पर अविश्वास प्रस्ताव को संबोधित किया. इस दौरान पश्चिम बंगाल के कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी पर निशाना साधा और कहा, 'गुड़ का गोबर कैसे करना है उसमें ये माहिर हैं'. पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल के राजनीतिक परिदृश्य पर भी निशाना साधा और सवाल किया कि कांग्रेस पार्टी ने अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा में बोलने की अनुमति क्यों नहीं दी? पीएम मोदी ने लोकसभा में कहा, 'विपक्ष के सबसे बड़े नेता का नाम वक्ताओं की सूची में नहीं है, यह अमित शाह की उदारता है कि उन्होंने अधीर रंजन चौधरी को समय देने का वादा किया.'


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पीएम मोदी ने कहा कि जिनके खुद के बहीखाते बिगड़े हुए हैं, वो भी हमसे हमारा हिसाब मांग रहे हैं. इस विश्वास प्रस्ताव से कुछ ऐसी विचित्र चीजें नजर आईं जो न पहले कभी देखा और न सुना है. सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता का बोलने की सूची में नाम ही नहीं था. 1999 में वाजपेयी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया, शरद पवार साहब ने उस समय डिबेट का नेतृत्व किया. 2018 में मल्लिकार्जुन खड़गे ने विषय को आगे बढ़ाया. लेकिन इस बार अधीर बाबू का क्या हाल कर दिया. आपकी उदारता था कि उनका समय समाप्त होने पर भी आपने समय दिया. 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कहा कि मैं नहीं जानता हूं कि आखिर आपकी क्या मजबूरी थी. क्यों अधीर बाबू को दरकिनार कर दिया. पता नहीं कहां से फोन आया होगा. कांग्रेस बार-बार उनका अपमान करती है. कभी चुनावों के नाम पर उन्हें अस्थायी रूप से फ्लोर लीडर पद से हटा देती है. हम अधीर बाबू के प्रति अपनी पूरी संवेदना व्यक्त करते हैं.


लोकसभा में पीएम मोदी ने किसी भी देश के इतिहास में एक समय ऐसा आता है, जब वह पुरानी बंदिशों को छोड़कर एक नए संकल्प के साथ आगे बढ़ने के लिए कदम उठाता है. 21वीं सदी का यह कालखंड सदी का वो कालखंड है जो भारत के लिए हर सपने सिद्ध करने का मौका दे रहा है. हम सब ऐसे समय में हैं, जो बहुत ही अहम हैं. पीएम ने कहा कि मैं बड़े विश्वास से कह रहा हूं कि इस कालखंड का प्रभाव आने वाले 1000 साल तक रहने वाला है. इस कालखंड में अपने पराक्रम से पुरुषार्थ से अपनी शक्ति से जो कुछ भी करेगा, वह आने वाले 1000 साल में अपना प्रभाव छोड़ पाएगा. ऐसे समय में हमारी जिम्मेदारी अधिक है. हमारा एक ही विश्वास होना चाहिए-वो है देश का विकास. इस संकल्प को सिद्धि तक ले जाने की जरूरत है.


उन्होंने कहा कि साल 2014 में 30 साल के बाद जनता ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी. 2019 में भी उस ट्रैक रिकॉर्ड को देखकर देश पहचान गया कि उनके सपनों को साकार करने की ताकत कहां है. इस सदन में बैठे हुए प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि भारत के युवाओं के सपनों को पूरा करने के लिए आगे आएं. सरकार में रहते हुए हमने इस दायित्व निभाने की कोशिश की. हमने घोटालों से रहित भारत दिया. हमने युवाओं को हौंसला और अवसर दिया है. हमने दुनिया में भारत की बिगड़ी हुई साख को संभाला है. अभी भी कुछ लोग कोशिश में हैं कि दुनिया में हमारी साख को दाग लग जाए पर दुनिया यह जान चुकी है और उसका विश्वास भारत के प्रति बढ़ता जा रहा है. 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में बोलते हुए कहा कि आज भारत में रिकॉर्ड विदेशी निवेश आ रहा है. आज भारत नई बुलंदी को छू रहा है. आज गरीब के दिल में अपने सपने पूरा करने का भरोसा पैदा हुआ है. आज देश में गरीबी तेजी से घट रही है. नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, पांच साल में साढ़े 13 करोड लोग गरीबी से बाहर आए हैं. आईएमएफ कहता है कि भारत ने अति गरीब कैटागरी खत्म कर दी है. उन्होंने कहा कि आईएमएफ ने हमारी वेलफेयर स्कीम के लिए कहा है कि यह लॉजिस्टकल मार्बल है. डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि जल जीवन मिशन के जरिए 4 लाख लोगों की जान बच रही है. यूनिसेफ ने कहा है कि स्वच्छ भारत अभियान के कारण हर साल गरीबों के 50 हजार रुपये बच रहे हैं. 


पीएम मोदी ने विपक्ष पर तंज करते हुए कहा कि भारत की इन उपलब्धियों से कांग्रेस समेत विपक्ष के कुछ लोगों को अविश्वास है. अविश्वास और घमंड इनकी रगों में रच-बस गया है. वे जनता के विश्वास को कभी देख नहीं पाते. यह जो शुतुरमुर्ग एप्रोच है, उसके लिए देश क्या कर सकता है. कुछ अच्छा होता है तो घरों में लोग काले टीके लगा देते हैं. आज देश का जय-जयकार हो रहा है तो आप काले कपड़े पहनकर सदन में आते हैं और काले टीके की रस्म निभाते हैं. इसके लिए आपका धन्यवाद. पिछले तीन दिनों से विपक्ष के साथी डिक्शनरी खोलकर अपशब्द खोज-खोजकर लाते हैं. अब उनका मन हल्का हो गया होगा. वैसे भी ये लोग दिन रात कोसते रहते हैं. उनके लिए सबसे फेवरेट नारा है- मोदी तेरी कब्र खुदेगी. यह इनका पसंदीदा नारा है. लेकिन मेरी लिए इनकी ये गालियां और अपशब्द, ये अलोकतांत्रित भाषा, मैं उसे भी टॉनिक बना देता हूं. ये ऐसा क्यों करते हैं. आज मैं सदन में कुछ सीक्रेट बताना चाहता हूं. 


लोकसभा में पीएम ने कहा कि मेरा पक्का विश्वास हो गया है कि विपक्ष के लोगों को एक सीक्रेट वरदान मिला हुआ है. वरदान यह कि ये लोग जिसका भी बुरा चाहेंगे उसका भला ही होगा. एक उदाहरण तो आपके सामने ही है. मेरे खिलाफ क्या नहीं किया गया है, लेकिन मेरा भला ही हुआ. मैं इसे तीन उदाहरण से सिद्ध कर सकता हूं. ये लोग कहते थे, बैंकिंग सेक्टर डूब जाएगा और देश बर्बाद हो जाएगा. जब इन्होंने बैंकों का बुरा चाहा तो पब्लिक सेक्टर के बैंकों का नेट प्रॉफिट दोगुने से ज्यादा हो गया. आज सुबह निर्मला सीतारमण जी ने विस्तार से बताया है कि बैंकों को कितना फायदा हुआ. 


उन्होंने कहा कि दूसरा एचएएल को लेकर कितनी बातें इन्होंने कही थी. क्या कुछ नहीं कहा गया था. एचएएल तबाह हो गया, एचएएल खत्म हो गया है. भारतीय डिफेंस इंडस्ट्री खत्म हो गई है. जैसे आजकल खेतों में जाकर वीडियो शूट होता है, वैसा ही उस समय एचएएल फैक्ट्री के दरवाजे पर वीडियो शूट करवाया गया था. वहां पर कामगारों को भड़काया गया था. देश की इतनी महत्वपूर्ण इंस्टीट्यूट का कितना बुरा चाहा कि आज वह सफलता की नई बुलंदियों को छू रहा है. एचएएल ने अपना हाईएस्ट रेवेन्यू रजिस्टर किया है. इनके जी भर के गंभीर आरोपों के बाद भी वहां के कर्मचारियों को उकसाने के बाद भी आज एचएएल देश की आन-बान-शान बनकर उभरा है. 


पीएम मोदी ने आगे कहा कि तीसरा उदाहरण एलआईसी का है. ये लोग एलआईसी के बारे में क्या क्या कहते थे. आज एलआईसी लगातार मजबूत हो रही है. जिन सरकारी कंपनियों को ये लोग गाली दें, उन पर दांव लगा दें. बंपर मुनाफा होगा. इन लोगों को देश के सामथ्र्य पर विश्वास नहीं है. देश के पराक्रम पर विश्वास नहीं है. कुछ दिनों पहले हमने कहा था कि हमारी सरकार के तीसरे टर्म में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरेगा. देश के भविष्य पर थोड़ा सा भी भरोसा होता तो एक जिम्मेदार विपक्ष क्या करता. वह सवाल पूछता कि आप कैसे करेंगे. उन्होंने कहा कि अब यह भी मुझे सिखाना पड़ रहा है. वे कुछ सुझाव दे सकते थे. या फिर कहते कि हम चुनाव में जाकर बताएंगे कि ये तीसरे पर लाने की बात कर रहे हैं, हम एक नंबर पर देश को लाकर दिखाएंगे. इसी सोच के चलते वे इतने साल तक सोते रहे कि देश एक दिन अपने आप नंबर वन हो जाएगा. कांग्रेस के पास न नीति है और न नियत है और न वैश्विक अर्थव्यवस्था की समझ है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कहा कि देश का विश्वास है कि 2028 में आप जब अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएंगे तो यह देश पहले तीन नंबर में होगा, यह हमारा विश्वास है. हमारे विपक्ष के मित्रों के फितरत में ही अविश्वास भरा हुआ रहता है. हमने लालकिले से स्वच्छ भारत अभियान का ऐलान किया, हमने मां—बेटी को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए अभियान शुरू किया तो उसका भी मजाक उड़ाया गया. हमने स्टार्ट अप इंडिया की चर्चा की, हमने डिजिटल इंडिया की बात की, तब भी हमारा मजाक उड़ाया गया. हमने मेक इन इंडिया की बात की, उसका भी मजाक उड़ाया गया. कांग्रेस पार्टी और उसके दोस्तों का इतिहास रहा है कि उन्हें भारत पर भारत के सामथ्र्य पर कभी भरोसा नहीं रहा.


नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोई विदेशी एजेंसी कहती है कि भुखमरी का सामना कर रहे कई देश भारत से बेहतर हैं तो ये उन पर विश्वास कर लेते हैं पर भारत की सेना सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक करती है तो उस पर विश्वास नहीं करते. कोरोना के समय भारतीय ​वैज्ञानिकों ने मेड इन इंडिया वैक्सीन बनाया, जिस पर इनको भरोसा ही नहीं रहा. देश के कोटि—कोटि नागरिकों ने भारतीय वैक्सीन पर भरोसा जताया. इनको भारत के सामथ्र्य पर भरोसा नहीं है लेकिन इस सदन को मैं बताना चाहता हूं कि भारत के लोगों का कांग्रेस के प्रति नो कांफिडेंस का भाव बहुत गहरा है.


पीएम मोदी ने कांग्रेस पर तंज करते हुए कहा कि कांग्रेस अपने घमंड में इतनी चूर है कि उसे जमीन नहीं दिखाई दे रही है. देश के कई हिस्सों में कांग्रेस को जीत दर्ज किए कई दशक हो गए. तमिलनाडु में आखिरी बार 1962 में जीती थी कांग्रेस, वहां के लोग इनको नो कांफिडेंस कह रहे हैं. पश्चिम बंगाल में 1972 में आखिरी बार कांग्रेस जीती थी. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस आखिरी बार 1985 में जीती थी, त्रिपुरा में 1988 में आखिरी बार जीत मिली थी. वहां भी कांंग्रेस को नो​ कांफिडेंस. 28 साल से ओडिशा भी कांग्रेस को एक ही जवाब दे रहा है.



पीएम मोदी ने कहा कि मैं आज विपक्ष के साथियों के प्रति अपनी संवेदना भी व्य​क्त करता हूं. कुछ ही दिन पहले आपने मिल—जुलकर यूपीए का अंतिम संस्कार किया है, क्रिया कर्म किया है. लोकतांत्रिक व्यवहार के मुताबिक हमें तभी संवेदना व्यक्त करनी चाहिए थी, क्योंकि आप खुद ही अंतिम संस्कार भी कर रहे थे और जश्न भी मना रहे थे. जब आप ये गठबंधन लेकर जनता के बीच जाएंगे, मैं विपक्षी दलों से पूछना चाहता हूं कि आप किसके पीछे चल रहे हो, पीढ़ी दर पीढ़ी ये लोग लाल मिर्च और हरी मिर्च का फर्क नहीं समझ पाए. आप तो भारतीय मानस को जानने वाले लोग हो. भेष बदलकर धोखा करने वालों फितरत सामने आती है. जिन्हें केवल नाम का सहारा है, उनके लिए कहा गया है- 
क्यों युद्ध से भागते 
नाम रखा रणवीर 
भाग्य जिनकी आजतक 
सोयी है तकदीर. 


उन्होंने कहा कि खुद को जिंदा रखने के लिए इनको एनडीए का ही सहारा लेना पड़ा है, लेकिन आदत के मुताबिक इनलोगों ने तो इंडिया के भी टुकड़े कर दिए. जरा कांग्रेस के लोग सुन लें. यूपीए को लगता है कि देश के नाम का इस्तेमाल करके अपनी विश्वसनीयता बढ़ाई जा सकती है, लेकिन कांग्रेस के सहयोगी दल तमिलनाडु सरकार में एक मंत्री ने दो दिन पहले ही कहा है इंडिया उनके लिए कोई मायने नहीं रखता. उनके मुताबिक, तमिलनाडु तो भारत में है ही नहीं. आज मैं गर्व के साथ कहना चाहता हूं कि तमिलनाडु वो प्रदेश है, जहां देशभक्ति की धाराएं निकली हैं. जिस गठबंधन में ऐसे नेता हों, वो गठबंधन से क्या उम्मीद रख सकते हैं.


लोकसभा में पीएम मोदी ने कहा कि इनको लगता है कि नाम बदलकर ये सफल हो जाएंगे. अस्पतालों में नाम उनके हैं, इलाज नहीं हैं. स्वयंसेवी संस्थाओं के आगे उनका नाम, गरीब की योजनाओं पर उनका नाम, अपने नाम से योजनाएं चलाईं और उनमें हजारों करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार हुए. समाज के अंतिम छोर पर बैठा व्यक्ति काम देखना चाहता है लेकिन उसे मिला क्या- केवल नाम. चुनाव चिन्ह से लेकर विचारों तक, सब कुछ अपना होने का दावा करती है पर लिया किसी और से है. अपनी कमियों को ढकने के लिए चुनाव चिन्ह और विचारों को भी चुरा लिया. यह भी दिखता है कि 2014 से वे किस तरह डिनायल के मोड में हैं. पार्टी के संस्थापक एओ ह्यूम विदेशी थे, जिन्होंने पार्टी बनाई. 1920 में भारत के स्वतंत्रता संग्राम को एक नई उर्जा मिली. रातोंरात कांग्रेस ने उस ध्वज को भी छीन लिया. वोटरों को भुलाने के लिए गांधी नाम भी चुरा लिया. कांग्रेस का चुनाव चिन्ह दो बैल, गाय बछड़ा, ये सारे उनके कारनामे उनके हर प्रकार की मनोवृति का प्रतिबिंब है. यह इंडिया गठबंधन नहीं है. यह घमंडिया गठबंधन है और इसकी बारात में सबको प्रधानमंत्री बनना है.


पीएम मोदी ने लोकसभा में कहा कि पिछले साल केरल के वायनाड में जिनलोगों ने कांग्रेस के कार्यालय में तोड़फोड़ की, इनलोगों ने उनसे भी दोस्ती कर ली. आप जनता जनार्दन से ये पाप कैसे छिपाते हो. आप नहीं छिपा सकते. यह घमंडिया गठबंधन देश में परिवारवाद की राजनीति का सबसे बड़ा प्रतिबिंब है. स्वतंत्रता सेनानियों ने हमेशा परिवारवादी राजनीति का विरोध किया था. महात्मा गांधी, सरदार पटेल, डा. राजेंद्र प्रसाद, जयप्रकाश नारायण, डा. लोहिया आप जितने भी नाम लेंगे, इन सबने परिवारवाद का विरोध किया था. परिवारवाद सामान्य नागरिकों के हकों और अधिकारों से वंचित रखता है. लेकिन कांग्रेस परिवारवाद के पीछे चलती रही, जबकि हमने हमेशा इसका विरोध किया. कांग्रेस को दरबारवाद पसंद हैं.


राहुल गांधी के लंका जलाने वाली बात पर पीएम मोदी ने कहा- इसलिए ये लोग 400 से 40 हो गए. सच्चाई तो यह है कि देश की जनता ने 30 साल के बाद पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई लेकिन गरीब का बेटा यहां कैसे बैठा है, यह चूभन अभी भी आपको परेशान कर रही है. यह आपको सोने नहीं देती और देश की जनता भी आपको सोने नहीं देती. इनके जन्मदिन पर हवाई जहाज में केक काटे जाते थे, आज उस हवाई जहाज में गरीब के लिए वैक्सीन जाता है. एक जमाना था- ड्राई क्लीन के लिए कपड़े हवाई जहाज से आते थे, आज हवाई चप्पल वाला गरीब हवाई जहाज से उड़ रहा है. कभी छुट्टी मनाने के लिए नेवी के युद्धपोत मंगवा लेत थे, आज वे जहाज गरीबों को उनके घर पहुंचाने के लिए यूज होते हैं.


इनको मोदी प्रेम तो इतना जबर्दस्त है कि 24 घंटे सपने में भी मोदी ही नजर आता है. अगर मैं गर्मी में धूप में भी जनता जर्नादन के बीच जाता हूं, पसीना पोछता हूं तो ये कहते हैं कि मोदी को तो पसीना आ गया. मैं कांग्रेस की मुसीबत समझता हूं. वर्षों से एक ही प्रोडक्ट को लांच करते हैं और हर बार लांचिंग फेल हो जाती है. मोहब्बत की दुकान का प्रचार करते हैं. इसलिए देश की जनता भी कह रही है कि यह है लूट की दुकान और लूट का बाजार. इसमें नफरत हैं, घोटाले हैं, तुष्टिकरण हैं, मन काले हैं. और तुम्हारी दुकान ने इमरजेंसी बेची है. सिख दंगा बेचा है. उरी के सच का प्रमाण बेचा है. शर्म करो नफरत की दुकान वालों, तुमने सेना का स्वाभिमान बेचा है.