Bihar Politics: बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में एक और पार्टी चुनावी मैदान में होगी. दरअसल, चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर आगामी 2 अक्टूबर को अपनी जन सुराज पार्टी लॉन्च करने वाले हैं. पीके उससे पहले जनसमर्थन हासिल करने के लिए पूरे प्रदेश को मथने में जुटे हैं. पीके के बढ़ते कदमों से राजद अध्यक्ष लालू यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दोनों की सियासी नींव हिलने लगी है. दरअसल, पीके की नजर मुस्लिम वोटरों पर है. राजद और जदयू दोनों ही पार्टियां मुस्लिम वोट बैंक पर निर्भर हैं. लिहाजा दोनों दिग्गज नेताओं ने मुस्लिम वोटरों की घेराबंदी शुरू कर दी है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


बिहार में 17% के करीब मुस्लिम आबादी है. बिहार के तीन दर्जन विधानसभा सीट ऐसे हैं जो मुस्लिम बहुल माना जाता है. आरजेडी का कोर वोट बैंक MY (मुस्लिम-यादव) माना जाता रहा है. इस वोटबैंक की दम पर लालू ने बिहार पर 15 वर्षों तक शासन किया. इसके बाद प्रदेश के मुसलमानों का एक बड़ा तबका नीतीश कुमार की जेडीयू के साथ जुड़ा और नीतीश कुमार को सत्ता सुख भोगने को मिला. इसी के चलते पिछले 20 वर्षों से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं. अब प्रदेश में मुस्लिम राजनीति हावी है. AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी के बाद अब पीके की नजर भी इस वोट बैंक पर है.


ये भी पढ़ें- CM नीतीश कुमार देंगे 10 लाख सरकारी नौकरी, ऐसे तो बिहार से बेरोजगारी खत्म हो जाएगी



मुस्लिम वोट छिटकने के कारण लालू यादव भी परेशान हैं. 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले लालू यादव पूरी कोशिश कर रहे हैं माय समीकरण की ताकत आरजेडी को पहले की तरह मिल जाए. यही कारण है कि उन्होंने दिवंगत नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब से मुलाकात की. कहा जा रहा है कि हिना को राजद में वापस लाने के लिए ये मीटिंग हुई थी. बता दें कि इस लोकसभा चुनाव में हिना शहाब ने सीवान से निर्दलीय लड़ने का फैसला लिया था. इसके कारण राजद प्रत्याशी अवध बिहारी चौधरी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था. हिना शहाब ने निर्दलीय के रूप में 2.93 लाख वोट पाकर बहुत प्रभावशाली प्रदर्शन किया था.  


ये भी पढ़ें- अलग-अलग चुनाव होने से विकास कार्य प्रभावित होते हैं: जदयू नेता नीरज



उधर सीएम नीतीश कुमार भी 2025 के लिए एक्टिव हो गए हैं. मुस्लिम वोटर को साधने की जिम्मेदारी अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान को सौंपी गई है. जमा खान ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उन सरकारी योजनाओं की जानकारी दी, जो अल्पसंख्यकों (मुस्लिमों) के लिए शुरू की गई हैं. मंत्री ने बताया कि सीएम विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना के लिए वर्ष 2023-2024 के लिए 97,084 अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को लाभान्वित करने हेतु 119.05 करोड़ का वितरण किया गया. वहीं, वर्ष 2024-2025 के लिए 1,03,635 छात्र-छात्राओं को भी लाभान्वित किया गया है. मुस्लिम बच्चों के लिए सरकार जल्द ही 15 मदरसे खोलने वाली है.