RJD Foundation Day: राजद का 27वां स्थापना दिवस आज, जानिए किन परिस्थितियों में लालू ने बनाई थी अलग पार्टी
राजद की स्थापना के वक्त लालू प्रसाद यादव के साथ रघुवंश प्रसाद सिंह, कांति सिंह समेत 17 लोकसभा सांसद और 8 राज्यसभा सांसद थे.
RJD 27th Foundation Day: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) आज यानी बुधवार (05 जुलाई) को अपना 27वां स्थापना दिवस मना रही है. राजद के 27वें स्थापना दिवस पर पार्टी कार्यालय को दुल्हन की तरह सजाया गया है. कार्यालय को पार्टी के रंग यानी कि हरे रंग के बल्ब से सजाया गया है. प्रदेश कार्यालय में राज्यस्तरीय कार्यक्रम का आयोजन होगा. इसमें राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव सहित अन्य प्रमुख नेता शामिल होंगे. इस अवसर पर लालू यादव झंडारोहण करेंगे. पार्टी स्थापना दिवस पर लालू यादव अपने कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र भी दे सकते हैं. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए लालू के निशाने पर बीजेपी हो सकती है.
स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने इस बात की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बुधवार को आरजेडी का स्थापना दिवस मनाया जाएगा. पटना स्थित राजद कार्यालय के अलावा प्रदेश भर के जिला मुख्यालयों में भी कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. बता दें कि लालू यादव ने 5 जुलाई 1997 को दिल्ली में आरजेडी की स्थापना की थी.
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राजद की स्थापना के वक्त लालू यादव के साथ रघुवंश प्रसाद सिंह, कांति सिंह समेत 17 लोकसभा सांसद और 8 राज्यसभा सांसद थे. इन दिग्गज नेताओं की मौजूदगी में बड़ी तादाद में कार्यकर्ता और समर्थक जुटे थे. आरजेडी की स्थापना के पीछे एक बड़ी राजनीतिक घटना थी. दरअसल, 4 जुलाई 1997 की शाम पूर्व पीएम इंद्र कुमार गुजराल ने अपने आवास पर जनता दल के नेताओं की एक बैठक बुलाई थी, इसमें लालू यादव भी शामिल हुए थे. बैठक में लालू प्रसाद से कहा गया कि वह सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे, लेकिन उनको जनता दल का ही अध्यक्ष रहने दिया जाएगा.
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लालू को ये प्रस्ताव पसंद नहीं आया और उन्होंने बगावत कर दी. अगले ही दिन यानी 5 जुलाई को लालू ने अपनी अलग पार्टी राष्ट्रीय जनता दल बना ली. चारा घोटाले में घिरे लालू यादव ने इसके बाद एक और दांव चला. उन्होंने 25 जुलाई को अपनी पत्नी राबड़ी देवी को सीएम बनाकर सबको चौंका दिया था. इस तरह लालू ने अपनी अलग पार्टी भी खड़ी कर ली और सत्ता भी बचा ली थी.