पटनाः राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के संस्थापक अध्यक्ष लालू प्रसाद महागठबंधन की सरकार बनने के बाद बुधवार को पहली बार राजद कार्यालय पहुंचे थे.  वह अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे बीरचंद पटेल मार्ग स्थित राजद कार्यालय पहुंचे. इन दिनों अपने पसंदीदा पोशाक टी शर्ट और ट्रैक पैंट पहने हुए प्रसाद का राजद के प्रदेश मुख्यालय पहुंचने पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह सहित अन्य नेताओं ने स्वागत किया. 


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तेजस्वी यादव भी पहुंचे राजद कार्यालय 
लालू प्रसाद के छोटे बेटे तेजस्वी यादव जो नई महागठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं. उन्होंने भी पिता के पार्टी के राज्य मुख्यालय आने की जानकारी मिलने पर दौड़ पड़े. राजद के वरिष्ठ नेता श्याम रजक और उदय नारायण चौधरी ने बाद में संवाददाताओं से कहा, ‘हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और अगले महीने दिल्ली में खुले सत्र के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया है.’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक नौ अक्टूबर को जंतर मंतर के पास होगी. इसके एक दिन बाद तालकटोरा स्टेडियम में खुला सत्र होगा. सिंगापुर में गुर्दा प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा में प्रसाद भले ही शारीरिक रूप से कमजोर दिख रहे हों पर अपनी राजनीतिक मशीनरी पर उनका पूरा नियंत्रण रहता है. 


बिहार में नई महागठबंधन सरकार
बताया जाता है कि प्रसाद ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के खेमे से अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नाता तोड़कर बिहार में नई महागठबंधन सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार जो कि अब राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष को एकजुट करने की मुहिम में जुटे हुए हैं, पिछले एक महीने में दो बार प्रसाद से उनके आवास पर जाकर मुलाकात कर चुके हैं. दोनों नेताओं के संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग)की अध्यक्ष सोनिया गांधी के विदेश से लौटने पर उनसे मिलने के लिए एक साथ दिल्ली की यात्रा करने की उम्मीद जताई है. 


नीतीश ने लालू से की थी सुधाकर सिंह की शिकायत
जानकारी के मुताबिक कुमार ने मंगलवार को प्रसाद को फोन कर कृषि मंत्री सुधाकर सिंह जो जगदानंद सिंह के बेटे हैं, के व्यवहार के बारे में शिकायत की थी. सिंह ने बुधवार शाम लालू प्रसाद से भी मुलाकात की, लेकिन किसी भी विवरण का खुलासा करने से इनकार कर दिया. उन्होंने यह भी दावा किया कि पिछले दिन कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री के साथ कोई टकराव नहीं हुआ था. हालांकि, नीतीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा था कि सुधाकर ने उनकी शिकायतों के बारे में पूछताछ करने की कोशिश की थी, परंतु जवाब देने के बजाय वह बाहर निकल गए. 


(इनपुट- भाषा)


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