RJD MLA Fateh Bahadur: राष्ट्रीय जनता दल के विधायक फतेह बहादुर की तरफ से लगाए गए पोस्टर के बाद बिहार की सियासत गर्म हो गई. इसके विवाद उठने गला. अब इस मामले पर आरजेडी विधायक ने कहा हमने जो कहा है वह हमने नहीं कहा है, वह सावित्रीबाई फुले की तरफ से कहा गया है. यह गलत क्या है? मनुवादी प्रवृत्ति के लोग इस तरह से सोच करते हैं. 


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उन्होंने कहा कि आज मनुवादी प्रवृत्ति के लोग पूरी तरीके से छाने की कोशिश कर रहे हैं. विधायक फतेह बहादुर ने कहा कि राम मंदिर बनाना गलत नहीं है, लेकिन राम मंदिर बनाकर जिस तरीके से यह लोग महिमा मंडित कर रहे हैं. क्या इस देश का विकास हो जाएगा? उन्होंने कहा कि जहां राम मंदिर बना है. वहां स्कूल और अस्पताल खुलने चाहिए था. उनसे पूछा गया क्या आप राम को काल्पनिक मानते हैं? इस पर राष्ट्रीय जनता दल के विधायक फतेह बहादुर ने कहा कि हम मानने वाले कौन हैं जब कोर्ट ने ही मान लिया है.


जदयू ने पोस्टर पर उठाया सवाल
इस पोस्टर का राजद के साथ गठबंधन की पार्टियों ने भी विरोध किया है. जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि उनका नाम कायर बहादुर सिंह होना चाहिए. उनको अपने घर के सामने पोस्टर लगवा देना चाहिए कि हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोग उनके यहां ना आए वह तो वोट सभी धर्म सभी जातियों का लेते हैं लेकिन इस तरीके का वह बयान देते हैं. 


कांग्रेस ने किया विरोध
कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने फतेह बहादुर सिंह के इस पोस्टर पर आलोचना किया. उन्होंने कहा कि यह देश साधु-संतों का है. मंदिर-मस्जिद-गुरुद्वारों का देश है तो ऐसे में फतेह बहादुर सिंह को कुछ दिनों के लिए विवेचना केंद्र में जाकर अध्ययन करना चाहिए. 


बीजेपी ने साधा निशाना
बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने राष्ट्रीय जनता दल को मानसिक गुलामी का शिकार बताया.  अरविंद सिंह ने कहा कि उन्हें सनातन पर संस्कृति पर भी विश्वास नहीं है. फतेह बहादुर जैसे लोगों को मानसिक शुद्धिकरण की जरूरत है राष्ट्रीय जनता दल महापुरुषों का अपमान करने से पीछे नहीं हटती है. 


क्या है पूरा विवाद, जानिए
बता दें कि पटना में लालू-राबड़ी आवास के बाहर राजद विधायक फतेह बहादुर सिंह ने एक पोस्टर लगवाया है. इस पोस्टर में उन्होंने लिखवाया है कि मंदिर का मतलब है मानसिक गुलामी का मार्ग और स्कूल यानी जीवन में प्रकाश. पोस्टर में आगे लिखा है कि जब मंदिर की घंटी बजती है तो अंधविश्वास, पाखंड, मूर्खता और अज्ञानता की ओर बढ़ने का संकेत है. वहीं, जब स्कूल की घंटी बजती है तो तर्कपूर्ण ज्ञान और वैज्ञानिकता के साथ प्रकाश की ओर बढ़ रहे हैं इसका सूचक है. इस पोस्टर पर लिखा है कि आपको तय करना है कि किस ओर जाना है.