Rupauli By-Election Result: बिहार की रुपौली विधानसभा पर हुए उपचुनाव में भी निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह ने दांव मार लिया है. कड़े मुकाबले में शंकर सिंह ने अंत में जेडीयू के कलाधर मंडल को शिकस्त दे दी. वहीं राजद की बीमा भारती तीसरे स्थान को हासिल कर सकीं. इस तरह से पूर्णिया लोकसभा के अंदर आने वाली रुपौली विधानसभा में भी निर्दलीय का कब्जा हो गया. अब सवाल ये है कि इस ट्रेंड से जेडीयू या आरजेडी, किसको ज्यादा नुकसान होगा. दरअसल, दोनों दलों को पूर्णिया लोकसभा सीट के बाद अब रुपौली विधानसभा सीट पर भी हार का सामना करना पड़ा है. जबकि इस उपचुनाव में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव, दोनों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. दोनों चाहते थे कि रुपौली में जीतकर वह 2025 का शंखनाद किया जाए, लेकिन उनकी ख्वाहिश पूरी नहीं हो सकी. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


रूपौली सीट पर 2010 से जेडीयू का कब्जा है और जेडीयू की टिकट पर ही बीमा भारती जीतकर विधानसभा पहुंचती रही हैं. परंपरागत सीट गंवाने से नीतीश कुमार को झटका जरूर लगा होगा. एनडीए की एकजुटता भी कलाधर मंडल को जिता नहीं सकी. वहीं बीमा भारती के लिए तेजस्वी यादव की मेहनत एकबार फिर से बेकार चली गई. इस बार तो पप्पू यादव भी बीमा भारती का समर्थन कर रहे थे, लेकिन यह भी काम नहीं आया. शंकर सिंह की जीत पर सियासी जानकारों का कहना है कि रुपौली में 90 फीसदी से भी ज्यादा अति पिछड़ी जाति, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाता है. सबसे ज्यादा आबादी गंगोता समाज के मतदाताओं की हैं. बीमा भारती हैं और जेडीयू के कलाधर मंडल भी इसी समाज से आते हैं. दोनों के बीच वोटों का बंटवारा होने से सवर्ण समाज से आने वाले शंकर सिंह ने दांव मार दिया. 


ये भी पढ़ें- 'संविधान हत्या दिवस' पर बिहार की राजनीति गरम, BJP-राजद में शुरू हुआ वाकयुद्ध



बीमा भारती के शर्मनाक प्रदर्शन से तेजस्वी यादव के साथ-साथ पप्पू यादव की राजनीतिक हनक पर सवाल उठने लगे हैं. कहा जा रहा है कि पप्पू यादव भी बीमा को राजनीतिक कवर देने में असफल साबित हुए हैं. वहीं पूर्णिया में अब निर्दलीय उम्मीदवारों की जीत का नया ट्रेंड शुरू हो गया है. इससे पहले लोकसभा चुनाव में पूर्णिया सीट से निर्दलीय पप्पू यादव को जीत मिली थी. उस चुनाव में भी जेडीयू उम्मीदवार दूसरे नंबर पर ही रुक गया था. जबकि राजद से बीमा भारती को तीसरे स्थान हासिल हुआ था. 


ये भी पढ़ें- हनुमान चालीसा जितना लंबा, उतना लंबा तेजस्वी का घोटाले में नाम- मंत्री संतोष सिंह



पूर्णिया लोकसभा सीट पर हुए कांटे के मुकाबले में जेडीयू के संतोष कुमार को निर्दलीय पप्पू यादव ने 16 हजार वोटों से मात दी थी. 2010 के बाद ये पहला मौका था जब किसी निर्दलीय उम्मीदवार ने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. तब बांका सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह की पत्नी पुतुल कुमारी को निर्दलीय कैंडिडेट के रूप में जीत मिली थी. 2009 में बांका सीट से दिग्विजय सिंह तो वहीं सिवान सीट से ओमप्रकाश यादव दोनों ही निर्दलीय चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे.