Shikshak Bharti Ghotala : प्रशांत किशोर बिहार में दौरे पर हैं और बुधवार को वह मधुबनी पहुंचे हैं. उन्होंने बताया कि वे बिहार में लोगों को जन सुराज के साथ जोड़ने का काम कर रहे हैं. उनका लक्ष्य था कि 10 हजार लोग जुड़ें, लेकिन सीतामढ़ी से आने तक करीब 55 हजार लोग इस मुहिम में शामिल होना चाहते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि हर प्रखंड से 2-3 हजार लोग जन सुराज से जुड़ना चाहते हैं. किशोर ने शिक्षक भर्ती के मामले में भी महत्वपूर्ण बातें कही और सरकार से नौकरियों के बारे में सवाल उठाया.


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प्रशांत किशोर ने बताया कि बिहार में केवल 20-25 हजार नए युवाओं को मुश्किल से ही नौकरी मिली है. वे कहते हैं कि सरकार को इस बारे में जानकारी देनी चाहिए कि इन नौकरियों को कितने लोगों को दी गई है. प्रशांत किशोर ने इस सूची को देने की बात की है और वे इसे दो से चार दिनों में जारी करेंगे. प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की जनता अकेले विकल्पों के बजाय जात-पात, धर्म या पुलवामा जैसे मुद्दों के आधार पर वोट देती आई है. वह सिर्फ इसे याद करके दिखाते हैं कि वोट देने से समस्याओं का समाधान नहीं होता. वे लोगों से कहते हैं कि वे अपना वोट शिक्षा, रोजगार और खेती के नए अवसरों के लिए दें.


प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि जन वितरण प्रणाली में अनाज की कमी है और स्थानीय विधायकों से लेकर सबका कमीशन बढ़ गया है. मनरेगा में कोई सक्रिय काम नहीं दिख रहा है और स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लाभ को लेकर भी समस्याएं हैं. स्वास्थ्य सेवाएं भी निजी हाथों में हैं और सरकार का कुछ भी कार्यवाही नहीं दिख रहा है. उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की और जातियों के सर्वे को भी उठाया. साथ ही कहा कि वो कहते हैं कि सरकार को उसके डेटा का सही उपयोग करना चाहिए.


उन्होंने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पर हमला करते हुए कहा कि सरकार के 60% बजट के मालिक नीतीश और तेजस्वी हैं. उन्होंने कहा कि पहले आप अपने पद से हटें और दूसरों को मौका दें. वे जेडीयू को लोकसभा में पांच सीटों पर नहीं आने की भविष्यवाणी करते हैं और तेजस्वी के पिता के काल से जापान को देश बनाने में कोई योगदान नहीं किया है. उन्होंने कहा कि अगर कुछ लेकर आएं तो यह अच्छी बात होगी.


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