Sushil Modi: सुशील मोदी ने जब नीतीश कुमार को लालू यादव का साथ छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया था
Sushil Modi Special: नीतीश कुमार ने जब बीजेपी से रिश्ता तोड़कर लालू यादव की पार्टी राजद के साथ मिलकर सरकार बनाई थी, तब सुशील मोदी ने ही उनको महागठबंधन से अलग होने के लिए मजबूर कर दिया था.
Sushil Kumar Modi Last Rites: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी के निधन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उनकी दोस्ती के किस्से काफी वायरल हो रहे हैं. कहा जा रहा है कि बिहार की सियासत में 'जय-वीरू' कही जाने वाली जोड़ी अब हमेशा के लिए बिखर गई है. हालांकि, एक वक्त ऐसा आ गया था जब दोनों दोस्त एक-दूसरे के काफी कट्टर दुश्मन में बदल गए थे. इतना ही नहीं नीतीश कुमार ने जब बीजेपी से रिश्ता तोड़कर लालू यादव की पार्टी राजद के साथ मिलकर सरकार बनाई थी, तब सुशील मोदी ने ही उनको महागठबंधन से अलग होने के लिए मजबूर कर दिया था.
दरअसल, 2017 में पटना में बिहार का सबसे बड़ा माल बनाया जा रहा था. इस मॉल की मालिक डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड थी. इस कंपनी में लालू यादव के दोनों बेटों के अलावा बेटियां भी डायरेक्टर थीं, इसलिए विरोधियों की ओर से इसे तेजस्वी यादव का मॉल कहा गया था. बीजेपी ने आरोप लगाया था कि इस मॉल के निर्माण में नियमों का उल्लंघन किया गया. इतना ही नहीं मॉल की मिट्टी को पर्यावरण एवं वन विभाग ने बिना टेंडर निकाले 90 लाख रुपए में खरीद लिया. इस तरह मोदी के मुताबिक मिट्टी घोटाले का पूरा फायदा आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के परिवार को मिला.
उस वक्त उद्यान पर्यावरण एवं वन विभाग के मंत्री तेज प्रताप यादव थे. बीजेपी नेता सुशील मोदी ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया था. वह लगभग हर रोज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस मॉल से जुड़े खुलासे करते थे. मॉल के निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर सुशील मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बुरी तरह से घेर दिया था. लालू परिवार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर नीतीश कुमार ने राजद से रिश्ता तोड़कर एनडीए में वापसी कर लिया था. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट से लालू परिवार को राहत मिली थी. कोर्ट ने कहा था कि मॉल के निर्माण में अनियमितता के कोई सबूत नहीं मिले हैं.