पटना: Sushil Kumar Modi: बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी का सोमवार देर शाम निधन हो गया. वे कैंसर से पीड़ित थे और दिल्ली एम्स में उनका इलाज चल रहा था. लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा से पहले ही सुशील कुमार मोदी ने इस बीमारी के बारे में मीडिया में उजागर किया था. बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने सुशील कुमार मोदी के निधन की खबर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दी. समकालीन राजनीति में सुशील कुमार मोदी (उम्र 72 साल) बिहार के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक थे.


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सम्राट चौधरी ने X पर लिखा, 'बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और पूर्व राज्यसभा सांसद श्री सुशील कुमार मोदी जी के निधन पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि. यह बिहार भाजपा के लिए अपूरणीय क्षति है.' एक दिन पहले रविवार को पटना में पीएम मोदी ने रोडशो किया था. इस रोडशो में पीएम मोदी तो मौजूद थे पर एक मोदी की कमी सभी को खल रही थी. वो मोदी थे, सुशील कुमार मोदी. सुशील कुमार मोदी कई दशकों तक बिहार भाजपा की पहचान के रूप में काम करते रहे. 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद आलाकमान ने उन्हें डिप्टी सीएम पद नहीं दिया और उन्हें राज्यसभा भेज दिया. इसी साल की शुरुआत में सुशील कुमार मोदी राज्यसभा से रिटायर हुए थे.


बिहार के राजनीतिक हलकों में यह माना जाता है कि बिहार की राजनीति की जितनी समझ सुशील कुमार मोदी के पास थी, उतनी समझ बिहार भाजपा के किसी नेता के पास नहीं है. सुशील कुमार मोदी को बिहार भाजपा के प्रखंड स्तर तक की जानकारियां होती थीं. सुशील कुमार मोदी के निधन से न केवल बिहार भाजपा, बल्कि पार्टी आलाकमान को भी हुए नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती. सुशील कुमार मोदी बिहार में 2005 से लेकर 2013 तक डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री रहे. वे जीएसटी एम्पावर्ड कमेटी के चेयरमैन भी रहे. देश भर में जीएसटी लागू होने में सुशील कुमार मोदी का अहम योगदान रहा. विपक्षी दलों के कई वित्त मंत्रियों को जीएसटी को लेकर सुशील कुमार मोदी ने पक्ष में किया था. वे जीएसटी के पक्ष में लगातार आवाज बुलंद करते रहे थे. आर्थिक मसलों पर उनकी गहरी समझ थी.