पटना : बिहार में भाजपा से नाता तोड़कर नीतीश कुमार ने महागठबंधन की सरकार बना ली है. कल तक बिहार में नेता प्रतिपक्ष रहे तेजस्वी यादव अब राज्य के उपमुख्यमंत्री बन गए हैं. इसके साथ ही तेजस्वी यादव की सुरक्षा में भी बढ़ोत्तरी की गई है. गृह विभाग ने तेजस्वी यादव को जेड प्लस की सुरक्षा प्रदान की है. इसके तहत तेजस्वी को बुलेट प्रूफ गाड़ी भी दी गई है.


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बता दें कि इसके पहले तेजस्वी को वाई प्लस की सुरक्षा मिली हुई थी. बता दें कि अभी तक राज्यपाल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आदि को ही जेड प्लस की सुरक्षा दी गई थी. इस लिस्ट में अब तेजस्वी यादव का नाम भी जुड़ गया है. गृह विभाग राज्य सुरक्षा समिति की अनुशंसा पर अति विशिष्ट व्यक्तियों को खास श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला करता है. इसी के तहत अब तेजस्वी यादव को जेड प्लस की सिक्योरिटी मिली है.



इसके बाद भाजपा के निशाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव हैं. भाजपा के नेता सुशील मोदी ने गुरुवार को तेजस्वी के सुरक्षा बढ़ाए जाने पर निशाना साधा है. बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री मोदी ने कहा कि बिहार में 12 साल तक उप मुख्यमंत्री रहा, लेकिन सरकार को न मुझे बुलेट प्रूफ गाड़ी देने की जरूरत महसूस हुई, न जेड-प्लस सुरक्षा की.



उन्होंने कहा कि मामूली सुरक्षा के बीच मैंने सरकारी आवास से लंबे समय तक जनता की सेवा की. जिनका राजपाट आते ही जनता सहम जाती है, भला उनको किससे इतना खतरा है कि सुरक्षा बढ़ायी जा रही है.



मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि अब के डिप्टी सीएम पहले ही कार्यकाल में 5, देशरत्न मार्ग वाले सरकारी आवास में 46 एसी लगवा चुके हैं. गरीबों के मसीहा ने पद से हटने के बाद भी आलीशान बंगला न छोड़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी, लेकिन दाल नहीं गली. उन्हें लगता था कि जो बंगला एक राजकुमार के लायक बनाया गया, उसमें दूसरा कैसे रह सकता है?





मोदी ने आगे लिखा है कि उन्हें एनडीए का डिप्टी सीएम तो बीपीएल स्तर की सुविधा के लायक लगता था. मोदी ने कटाक्ष करते हुए आगे कहा, मुख्यमंत्री अपने नौजवान उप मुख्यमंत्री को जिस आदर और विनम्रता के साथ उनका हाथ पकड़ कर कुर्सी तक ले जाते दिखे, उससे साफ है कि ' डी-फैक्टो सीएम' कौन है और कौन एहसान तले दबा हुआ. मोदी ने तेज प्रताप यादव पर तंज कसते हुए कहा कि महागठबंधन 2 में भी 'बड़े राजकुमार' को छोटी कुर्सी मिलेगी, लेकिन उन्हें उनकी पसंद का स्वास्थ्य विभाग ही मिलना चाहिए. इलाज बेहतर हो या न हो, कम से कम जनता का मनोरंजन होते रहना चाहिए.


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(इनपुट-आईएएनएस)