पटना: राजधानी पटना के गांधी मैदान में आयोजित हुए जन विश्वास महारैली में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भीड़ को संबोधित करते हुए ने पीएम मोदी के हिंदू होने पर सवाल उठाए थे. साथ ही लालू ने इस दौरान परिवारवाद पर भी हमला बोला था. लालू के बयान के बाद देश राजनीति गर्माई हुई है. जिसके बाद बीजेपी ने लालू यादव को करारा जवाब दिया है. वहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने लालू यादव पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या से लेकर संयुक्त अरब अमीरात तक मंदिरों की स्थापना कराने वाले, संतों का सम्मान करने वाले और सैनिकों के साथ दीपावली मनाने वाले हिंदू हैं, जबकि लालू प्रसाद सावन में मटन-मीट खाने वाले और राम-मंदिर का बहिष्कार करने वाले हिंदू हैं.


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लालू यादव को घेरते हुए उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद उनको मटन खिलाते हैं, जिनकी पार्टी ने "भगवा आतंकवाद" का फर्जी नरेटिव गढा और आतंकवादियों की मौत पर आंसू बहाये. मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद को मंदिर आंदोलन में बाधक बनने और बिहार में आडवाणी जी की रथ यात्रा रोकने जैसी हिंदू-विरोधी राजनीति के लिए राम-भक्तों से क्षमा मांगनी चाहिए. लालू प्रसाद की पार्टी ने बिहार का शिक्षा मंत्री ऐसे हिंदू को बनवाया, जिसने राम चरित मानस की निंदा की. उनकी पार्टी ने किसी दूसरे धर्मग्रंथ या धार्मिक प्रतीक पर कभी टिप्पणी नहीं की, जबकि तिलक लगाने वाले हिंदुओं को ढोंगी और देशद्रोही तक कह कर अपमानित किया.


सुशील मोदी ने कहा कि राजद की राजनीति में हिंदू होना 'साम्प्रदायिक' है. उनके लिए भारत के लोग गुजराती, बंगाली, तमिल, अगड़ा-पिछड़ा, दलित, उत्तर भारतीय, दक्षिण भारतीय, पंजाबी या कश्मीरी तो हो सकते हैं, लेकिन हिंदू कोई नहीं है. मोदी ने कहा हिंदू होने पर गर्व करते हुए सनातन संस्कृति के पुनर्जागरण के लिए समर्पित प्रधानमंत्री मोदी के पक्ष में उमड़े अपार जनसमर्थन की बड़ी लकीर को लालू प्रसाद अपनी हल्की-ओछी बातों से छोटी नहीं कर पाएंगे.


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