Patna: Land For Job Scam: लालू परिवार के खिलाफ लैंड फॉर जॉब और IRCTC घोटाले के मामले में लगातार एजेंसियों के द्वारा कार्रवाई की जा रही है. आपको बता दें कि इन घोटालों में लालू परिवार के 7 सदस्यों के नाम शामिल हैं. इसके साथ ही लालू के पार्टी के नेता भी एजेंसी की जांच के घेरे में हैं. आपको बता दें कि CBI की तरफ से जहां इन घोटालों के मामलों में अभी लालू यादव, मीसा भारती, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव से हाल ही में पूछताछ हुई है वहीं ईडी की तरफ से लालू यादव की चार बेटियों, तेजस्वी यादव और लालू के करीबी पार्टी नेता के ठिकानों पर छापेमारी की थी. आपको बता दें कि लालू परिवार के लिए इस मामले में कार्रवाई तब शुरू हुई जब वर्तमान जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के द्वारा सीबीआई को सबूत उपलब्ध कराई गई थी. 


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अब इस सारे मामले में बिहार को पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी लगातार यह दावा कर रहे हैं कि तेजस्वी यादव का इन मामलों में बचना नामुमकिन है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि ललन सिंह के द्वारा दिए गए सबूतों पर सुशील मोदी को इतना भरोसा क्यों है. क्या यह सारे सबूत लालू परिवार के खिलाफ एक्शन के लिए काफी हैं. सुशील मोदी इस काम के लिए अभी भी ललन सिंह की तारीफ कर रहे हैं, वह तो यहां तक कहते रहे हैं कि ललन सिंह ने कभी भी कहीं भी किसी भी मामले में फर्जी, कमजोर सबूत उपलब्ध नहीं कराए हैं. सुशील मोदी की मानें तो ललन सिंह ने इतने पर्याप्त और पुख्ता सबूत एजेंसी को उपलब्ध कराए हैं कि किसी का भी बच पना नामुमकिन है. 


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आपको बता दें कि इस समय बिहार में महागठबंधन की सरकार है और ललन सिंह की पार्टी और राजद मिलकर इस सरकार को चला रहे हैं. ऐसे में लालू परिवार के खिलाफ एजेंसी को सबूत देने वाले ललन सिंह को अब तेजस्वी के बचाव में कहना पड़ रहा है कि जबसे महागठबंधन की सरकार बनी है तब से ही एजेंसियों के द्वारा तेजस्वी को परेशान किया जा रहा है. 


अब इस मामले में हो रही जांच को लेकर ललन सिंह भी परेशान हैं. आपको बता दें कि सुशील मोदी लगातार यह कहते रहे हैं कि चारा घोटाला हो या आईआरसीटीसी (IRCTC) घोटाला इस स ब के सबूत ललन सिंह के हाथों ही एजेंसी को मिली हैं, सुशील मोदी तो यह तक कह रहे हैं कि चारा घोटाले के जिन 4 मामलों में लालू यादव को सजा हुई है वह कागजात भी ललन सिंह ने ही मुहैया कराए. सुशील मोदी तो यह तक दावा करते रहे हैं कि ललन सिंह केवल सबूत नहीं देते पूरे मामले में क्या कार्रवाई हो रही है इसकी स्वयं मॉनिटरिंग भी करते हैं. यही कारण है कि लालू को लोग मीडिया का सामने दहाड़ते तो देखते हैं लेकिन सीबीआई के सामने उनकी आवाज कम हो जाती है. 


सुशील मोदी की मानें तो जमीन की बदले नौकरी मामले में जो पूछताछ लालू यादव और तेजस्वी से हुई थी 2008 में मनमोहन सिंह को उसके कागजात स्वर्गीय शरद यादव और ललन सिंह ने ही दिया था. तब RJD के समर्थन से केंद्र की सरकार चल रही थी ऐसे में कागज गायब हो गए थे. 2014 में जब एनडीए की सरकार बनी तो यही कागज फिर से कार्यालय को मुहैया कराए गए. उन्होंने साफ कहा कि महागठबंधन की सरकार के गठन के एक साल पहले से ही यह मुकदमा तेजी पर था और यह मामला कभी बंद ही नहीं हुआ था. सुशील मोदी ने साफ कहा कि ललन सिंह के द्वारा दिए गए सबूतों की गुणवत्ता का अंदाजा इस बात से लगाइए की 15 साल बाद उनके द्वारा दिए गए सबूत के आधार पर केस खुलवाकर भागलपुर दंगे में एक दोषमुक्त आरोपी कामेश्वर यादव को नीतीश सरकार ने सजा दिलवाई थी.