Tejashwi on Iftar Party: `सरकार रहे या नहीं रहे`, इफ्तार पार्टी को लेकर तेजस्वी के बयान के सियासी मतलब समझें
लालू यादव ने 90 के दशक में बिहार की सियासत में यादव-मुस्लिम (MY) का ऐसा राजनीतिक समीकरण बनाया, जिसके दम पर उनकी पार्टी ने 15 साल तक राज किया.
Bihar Iftar Party Politics: बिहार में इन दिनों इफ्तार पार्टी पर राजनीति का दौर जारी है. रामनवमी पर हुई हिंसा के बाद सीएम और डिप्टी सीएम की ओर से दी जाने वाली इफ्तार दावत सवालों के घेरे में है. हालांकि इससे राजद नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को कोई फर्क नहीं पड़ता है. उन्होंने साफ कहा है कि सरकार बनी रहे या चली जाए, लेकिन सद्भावना हमेशा बनी रहनी चाहिए.
तेजस्वी यादव के इस बयान के अब सियासी मतलब निकाले जा रहे हैं. माना जा रहा है कि तेजस्वी ने ऐसा बयान देकर नीतीश कुमार को बड़ा संदेश देने की कोशिश की है. दरअसल, 'MY' यानी मुस्लिम और यादव की राजनीति पर आधारित राजद पार्टी के युवराज यानी तेजस्वी ने दबे शब्दों में कहा है कि यदि मुस्लिम समाज को कोई दिक्कत महसूस हुई तो सरकार गिराने से परहेज नहीं करेंगे.
MLC चुनाव परिणाम से खफा हैं तेजस्वी?
तेजस्वी के बयान से लगता है कि सरकार में इन दिनों सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. सत्ता के लिए साथ आए दो धुर-विरोधी पार्टियों में कई मुद्दों को लेकर मतभेद भी देखने को मिल जाते हैं. हाल ही में हुए एमएलसी चुनाव में राजद प्रत्याशियों के हारने से भी तेजस्वी यादव काफी खफा हैं. वह इसके लिए जदयू को दोषी समझ रहे हैं. राजद का मानना है कि राजद ने अपना वोटबैंक जदयू के पाले में शिफ्ट कराया, लेकिन नीतीश कुमार ऐसा करने में असफल रहे.
पाला बदलने में उस्ताद हैं नीतीश
राजनीतिक गलियारों में तो यहां तक चर्चा है कि नीतीश कुमार एक बार फिर से पाला बदल सकते हैं, क्योंकि प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था से उनकी इमेज को काफी झटका लगा है. अपनी इमेज को ठीक करने के लिए नीतीश एक बार फिर से बीजेपी के संपर्क बढ़ा रहे हैं. कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले वह एक बार फिर से बीजेपी के साथ चले जाएं. इन आशंकाओं को देखते हुए ही तेजस्वी यादव ने अपनी रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है.
ध्रुवीकरण करने की कोशिश!
तेजस्वी ने कहा कि कुछ लोग गलतफहमी में हैं. वे कह रहे हैं कि इफ्तार पार्टी में नहीं जाइए, बिहार जल रहा है. हम इफ्तार से रोजेदार लोगों के प्रति इज्जत प्रकट करते हैं. यह इफ्तार पार्टी नहीं बल्कि गंगा-जमूनी तहजीब की पहचान है. उन्होंने आगे कहा कि जो भी अमन चैन छीनने का प्रयास करेगा उसे कानून नहीं बख्शेगा. तेजस्वी अपने विरासत को ही आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. बता दें कि हिंसा के बाद सरकार पर मजहबी कार्ड खेलने के आरोप लग रहे हैं