Tejashwi Yadav: वक्फ बिल पर CM नीतीश से इशारों में क्या बात हुई, तेजस्वी यादव ने सबकुछ बता दिया
Bihar Politics: तेजस्वी यादव ने कहा कि महागठबंधन के सभी लोगों ने सबसे ज्वलंत मुद्दा वक्फ बोर्ड को लेकर सवाल खड़ा किया है, लेकिन स्पीकर साहब ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया है.
Bihar Politics: बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने महागठबंधन के विधायकों के साथ सदन के अंदर वक्फ बोर्ड और आरक्षण को लेकर हंगामा किया. तेजस्वी यादव ने कहा कि हम लोग लगातार सदन चलाना चाहते हैं और चला भी रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जनहित के जो ज्वलंत मुद्दे हैं, उन मुद्दों को सदन में उठाने का अधिकार विपक्ष को है. आप लोगों ने देखा कि बिहार में आरक्षण के सवाल को उठाने का काम किया, लेकिन सरकार के द्वारा सही जवाब संतोषजनक जवाब हम लोगों को नहीं मिला है.
तेजस्वी यादव ने कहा कि महागठबंधन के सभी लोगों ने सबसे ज्वलंत मुद्दा वक्फ बोर्ड को लेकर सवाल खड़ा किया है, लेकिन स्पीकर साहब ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया है. केंद्र सरकार द्वारा देश में नफरत फैलाने की पूरी तरीके से साजिश है. उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड के खिलाफ जो बिल लाया गया है, वह संवैधानिक नहीं है. किसी भी कीमत पर इसको पास नहीं होने देंगे. हालांकि यह मुद्दा जेपीसी में है. वहां हम लोग अपने दल की तरफ से मजबूत तरीके से बातों को रख रहे हैं. सरकार का एकमात्र एजेंडा है कि हिंदू मुसलमान में नफरत फैलाना और इस देश की खूबसूरती ही डाइवर्सिटी है.
उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार से नफरत की राजनीति हो रही है. इसके खिलाफ हमेशा से खड़े हैं. उन्होंने कहा कि सम्राट चौधरी ने आरक्षण की बात सदन में झूठा बयान दिया है. उपमुख्यमंत्री को शर्म से डूब मरना चाहिए. उन्होंने कहा कि 1990 से 2004 तक हम लोगों ने कोई आरक्षण नहीं दिया है. सम्राट चौधरी तो हम ही लोग की पार्टी में थे. उनका कम से कम जानकारी होनी चाहिए कि लालू जी और राबड़ी जी की सरकार में कितने लोगों को आरक्षण दिया गया. उनको इतिहास पता होना चाहिए.
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तेजस्वी ने कहा कि आरक्षण का फैक्ट चेक कीजिएगा तो पता चलेगा कि 1978 में जननायक कर्पूरी ठाकुर ने सबसे पहले आरक्षण दिया था. उस समय भाजपा के लोग कर्पूरी जी के खिलाफ क्या-क्या नारा लगाते थे, सम्राट जी को याद है कि नहीं. 1978 के 12 साल बाद लालू जी जब मुख्यमंत्री बने. उन्होंने 12% जो अति पिछड़ों का आरक्षण था, उसको 14% कर दिया. ठीक 10 साल बाद राबड़ी देवी प्रथम महिला मुख्यमंत्री बनीं. झारखंड जब अलग हुआ तो आरक्षण जो 14% अति-पिछड़ों को था, उसको बढ़कर 18% परसेंट करने का काम किया है.
2005 में सरकार हटाने के बाद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने. उसके बाद से आरक्षण की सीमा नहीं बढ़ाई गई. जब हमारी 17 महीने की सरकार बनी तब हम लोगों ने फिर से बढ़ाया. पंचायती राज में आरक्षण को लेकर हम ही लोगों ने सवाल खड़ा किया था. आज जिसके दम पर सम्राट चौधरी राजनीति में है मंडल कमीशन में लालू जी के योगदान नहीं भूलना चाहिए लालू जी की वजह से बीपी सिंह को गाली खाना पड़ा. शर्मा आनी चाहिए ऐसे मंत्रियों को जिनका इतिहास नहीं पता है और सदन के पटल पर केवल झूठ बोलना प्रचार करना केवल यही काम रह गया है.
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जातीय जनगणना के हिसाब से बहुजन की जो आबादी है वह 85 फीसदी है. अगर 65% आरक्षण हम लोगों ने दिया है, तो उसे 75 कीजिए या 85 कीजिए उसको 100 भी कर सकते हैं. केंद्र सरकार ने ईडब्ल्यूएस लाकर बैरियर तोड़ दिया और वक्फ बोर्ड को लेकर तमाम विपक्षी दल इंडिया गठबंधन के लोग एकजुट है. मुख्यमंत्री जी को याद करना चाहिए की बातें बड़ी-बड़ी करते हैं. गांधी जी की बात करते हैं और दिल में गोडसे को बसा कर रखते हैं. यह सच्चाई है कि ललन सिंह जी ने वक्फ बोर्ड का खुलकर पार्लियामेंट में समर्थन किया कितना बड़ा मसला है, मुख्यमंत्री चुप्पी साथ कर बैठे हुए हैं.
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