Bihar Politics: पानी में मछली और 9-9 टुकड़ा हिस्सा! चुनाव में अभी एक साल पर महागठबंधन में तगड़ी महाभारत
बिहार में एक कहावत है: पानी में मछली और 9-9 टुकड़ा हिस्सा. बिहार महागठबंधन में यह कहावत एकदम चरितार्थ होता दिख रहा है. महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है.
Bihar News: बिहार में एक कहावत है: पानी में मछली और 9-9 टुकड़ा हिस्सा. बिहार महागठबंधन में यह कहावत एकदम चरितार्थ होता दिख रहा है. महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. चुनाव में अभी करीब एक साल बाकी है पर कांग्रेस ने जहां डिप्टी सीएम पद को लेकर अपनी बात रख दी है, वहीं वामदलों की ओर से अब ऐसी मांग की गई है, जो लालू परिवार को नागवार गुजर सकती है. ऐसा लगता है कि तेजस्वी यादव की ओर से सभी को खुश रखना मुश्किल होता जा रहा है. इन सब मांगों के बीच में तेजस्वी यादव का एक दिन पहले रिएक्शन भी आया था, जिसमें वो कह रहे थे कि कौन क्या बोलता है, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता. वे अखिलेश सिंह के 70 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर किए गए दावों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे.
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दरअसल, भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने बुधवार को एक न्यूज चैनल से बातचीत में 60 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ने का दावा कर दिया. उन्होंने कहा कि पिछले 5 साल में भाकपा माले ने जमीन पर सबसे अधिक काम किया है. उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में भाकपा माले का प्रदर्शन सबसे बढ़िया रहा था. इस दावे के साथ ही महबूब आलम ने कांग्रेस को कुछ नसीहतें भी दीं.
महबूब आलम ने कहा, कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है. लोकसभा में मुख्य विपक्षी दल है. उसे राज्यों में सहयोगियों को मजबूत करने के लिए काम करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि हमारी मजबूती के हिसाब से हिस्सेदारी सुनिश्चित होनी चाहिए.
एक तरफ तेजस्वी यादव महागठबंधन के पक्ष में माहौल बनाने के लिए माई बहिन योजना, मुफ्त बिजली, पेंशन की राशि बढ़ाने जैसे लोक लुभावन घोषणाएं कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ कांग्रेस और भाकपा माले की ओर से विधानसभा सीटों को लेकर किए जा रहे दावों से लग रहा है कि महागठबंधन में सामंजस्य का गहरा अभाव है.
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पिछले दिनों राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सौंपने की पैरवी कर दी थी, जिसके बाद कांग्रेस की ओर से कड़ा रिएक्शन दिया गया था. माना जा रहा है कि लालू प्रसाद यादव ने भी बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पर दबाव की राजनीति की शुरुआत की तो कांग्रेस ने भी इसका जवाब दिया.