पटना: Bihar News: प्रधाननमंत्री ने समान नागरिक संहिता को लेकर मध्य प्रदेश की एक रैली में बयान दिया तो पूरे देश की सियासत में उबाल आ गया. इसका एक पक्ष समर्थन कर रहा है तो वहीं भाजपा के प्रतिद्वंदी इसको लेकर बयान दे रहे हैं. आपको बता दें कि बिहार की सियासत में भी समान नागरिक संहिता (UCC) भी अब केंद्र में आ गया है. इसको लेकर नीतीश कुमार ने शनिवार को स्पष्ट कहा कि बिहार में समान नागरिक संहिता लागू नहीं होगी. बता दें कि इसी को लेकर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने उन्हें आज करारा जवाब दिया है. 


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सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार बतायें कि जब पाकिस्तान सहित अनेक मुस्लिम देशों में बहु-विवाह, फौरी तीन तलाक और गुजारा भत्ता के मुद्दे पर कानून में सुधार किया जा सकता है, तो भारत में क्यों नहीं होना चाहिए?


सुशील मोदी ने कहा कि संविधान और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए समान नागरिक संहिता जब भी लागू होगी, पूरे देश पर लागू होगी. तब नीतीश कुमार और ममता बनर्जी जैसे मुख्यमंत्री राज्यों में इसे लागू करने से नहीं रोक पाएंगे. 


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उन्होंने कहा कि अगर सभी धर्मों के भारतीय नागरिकों के लिए एक विवाह का प्रावधान होता है, सभी के लिए तलाक लेने के कानून समान होते हैं, सभी धर्मों की महिलाओं को तलाक के बाद गुजारा-भत्ता पाने तथा पैतृक सम्पत्ति में समान अधिकार मिलता है और सभी धर्मों के स्री-पुरुष लिए विवाह करने की उम्र एक समान निर्धारित की जाती है, तो ये बातें समतावादी नीतीश कुमार को बुरी क्यों लगनी चाहिए?


मोदी ने आगे कहा कि क्या नीतीश कुमार पर्सनल लॉ के नाम पर देश की 15 करोड़ मुस्लिम महिलाओं के साथ कठोर भेदभाव और लैंगिक असमानता जारी रखना चाहते हैं? उन्होंने कहा कि एक समुदाय के थोक वोट से सत्ता में बने रहने की मंशा से यदि नीतीश कुमार उस समुदाय के कट्टरपंथियों तक के आगे घुटने टेक रहे हैं, तो क्या यह साम्प्रदायिकता से समझौता नहीं है? वे भ्रष्टाचार और अपराध से तो पहले ही समझौता कर चुके हैं.