नीतीश और तेजस्वी पर एक साथ बरसे कुशवाहा, कहा- बिहार में 2005 से पहले वाला शासन लाना चाहते हैं
बिहार की राजनीतिक जमीन का तापमान इनदिनों बढ़ा हुआ है.
पटना : बिहार की राजनीतिक जमीन का तापमान इनदिनों बढ़ा हुआ है. नीतीश के खेमे को छोड़ उनके सबसे करीबी उपेंद्र कुशवाहा ने नई पार्टी का गठन किया तो अब वह नीतीश की पार्टी जदयू को कमजोर करने में लग गए हैं.
बिहार में बढ़ रहे आपराधिक गतिविधियों को लेकर उपेंद्र कुशवाहा के निशाने पर नीतीश कुमार के साथ तेजस्वी यादव भी आ गए हैं. उन्होंने राजद और तेजस्वी पर निशाना साधते हुए कहा कि अभी तो बिहार में सत्ता में उनकी केवल भागीदारी है तो आपराधिक घटनाओं में इतना इजाफा हो गया है. अगर सत्ता पूरी तरह से इनके कब्जे में आ गई तो क्या होगा?
बिहार में लॉ एंड ऑर्डर की हालत को देखते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने चिंता जताई है, वह इन दिनों विरासत बचाओ नमन यात्रा लेकर प्रदेश की जनता के बीच पहुंचे हैं. ऐसे में उन्होंने जनता के बीच जाकर कहा कि अभी बिहार के लोगों को राजद से बचना होगा, अभी वह सरकार में केवल हिस्सेदार हैं तो यह हालत है.पूर्णतः सरकार में आ गए तो क्या होगा यह सोचकर ही बिहार के लोग डर जाते हैं.
उन्होंने कहा कि बिहार को राजद से बचाना होगा. अभी ट्रेलर इतना खतरनाक है तो फिल्म कैसी होगी. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने तेजस्वी के हाथों में सत्ता सौंपने का ऐलान कर दिया है. बिहार में इसके जरिए 2005 से पहले वाला शासन लाना चाहते हैं. कुशवाहा ने आगे जांच एजेंसिंयों की लालू परिवार के खिलाफ कार्रवाई पर कहा कि जब यह मामला शुरू हुआ था तो केंद्र में लालू के समर्थन वाली सरकार थी. इसमें कोर्ट के सामने ललन सिंह, शिवानंद तिवारी और वृषिण पटेल गए थे. जिसके बाद लालू यादव को सजा हुई और आज दोनों मिलकर जनता को बेवकूफ बना रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पीएम मैटेरियल के तौर पर सबसे पहले नीतीश कुमार का नाम मैंने ही लिया था लेकिन उनका एक्शन सही नहीं रहा. उन्होंने पार्टी को बर्बाद कर दिया, अब किस आधार पर वह पीएम मैटेरियल रह गए हैं. वहीं इससे पहले उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि 2005 में जिस ताकत के खिलाफ लड़कर नीतीश आए आज उसी के साथ हाथ मिलाए खड़े हैं. उन्होंने भ्रष्टाचार की जननी राजद के हाथों जदयू को गिरवी रख दिया है.
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