West Champaran News: इंडो नेपाल सीमा पर स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व को पर्यटन के क्षेत्र में सरकार काफी बढ़ावा दे रही है ताकि जल, जंगल और पहाड़ों के बीच बसे वाल्मीकिनगर को पर्यटन के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति मिल सके. इसी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंडक नदी से निकली मृत त्रिवेणी कैनाल में नौका विहार का प्रोजेक्ट शुरू किया था. मुख्यमंत्री का प्रोजेक्ट था कि यहां पर ज्यादा से ज्यादा पर्यटक आएं और इसका आनंद उठा सकें. अमेज़न नदी की तर्ज़ पर वाल्मीकिनगर के मृत नहर में नौकायन का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भव्य शुरुआत किया, लेकिन वर्षों बाद भी यहां न तो किसी पर्यटक ने नौका विहार का लुत्फ उठाया और ना ही आस पास के किसी को रोजगार मिल सका. 


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इस प्रोजेक्ट की ताजा स्थिति देखकर ऐसा लगता है मानों यह एक दिन का बोटिंग स्पॉट बनकर रह गया. लिहाजा VTR में नौकायन यहां अपने बदहाली व बेकार पर आंसू बहा रही है. दरअसल, जल जीवन हरियाली के तहत बिहार सरकार की यह योजना काफी अच्छी थी, क्योंकि पुराने मृत कैनाल का लुक बिल्कुल अमेजन नदी की तरह है और यह पर्यटकों को अपने तरफ काफी आकर्षित करता है. इस योजना के तहत रोजगार सृजन करना भी एक मुख्य लक्ष्य था लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण नौकायन योजना सिर्फ सीएम नीतीश के उद्घाटन तक हीं सीमित होकर रह गई. 


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लाखों खर्च के बावजूद नौकायन के लिए बनीं चार चार नाव पानी में सड़ गए और मृत कैनाल फिर से मृत अवस्था में चला गया है. बता दें की वाल्मीकिनगर के गोल चौक के पास स्थित मृत कैनाल में अब गंदगी का अंबार लगा है और नौकायन योजना फिसड्डी साबित हो गई है. स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता वीरेंद्र सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक अच्छे प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया गया था लेकिन यह मृत कैनाल फिर मृत हो गया है. नौकायन योजना उद्घाटन तक ही सीमित रह गया. उनका कहना है कि अगर काली मंदिर से VTR के रास्ते इसे जोड़ा गया होता तो शायद नौका विहार की योजना सफल होती.


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वहीं VTR आई पर्यटक शंभू देवी व श्रीकांत गुप्ता का कहना है कि जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां नौकायन का शुभारंभ किया तो लगा था कि स्थानीय नाविकों को रोजगार मिलेगा. आने वाले पर्यटकों की वजह से दुकानदारों को भी फायदा होगा, लेकिन यह नौकायन सिर्फ एक दिन का नौका विहार साबित हुआ. सारे निर्माण कार्य जीर्ण शीर्ण अवस्था में हैं और नाव भी सड़ गल चुकी हैं. 


रिपोर्ट- इमरान अज़ीज़