पटना : Bihar Politics: बिहार में पहले जमीन के बदले नौकरी मामले में सीबीआई ने राबड़ी देवी के साथ हीं लालू यादव और उनकी बेटी मीसा भारती से पूछताछ की तो वहीं आज प्रवर्तन निदेशालय ने इसी मामले में अपना एक्शन दिखाया. ईडी ने लालू परिवार और साथ ही उनके करीबी राजद नेता सैयद अबु दोजाना के घर पर और कई अन्य ठिकानों पर छापेमारी की. ईडी की यह कार्रवाई पटना के अलावा दिल्ली और एनसीएर के 15 ठिकानों पर एक साथ हुई. ईडी की यह कार्रवाई अबु दोजाना के साथ लालू प्रसाद यादव की बेटियों हेमा, रागिनी और चंदा के घर पर भी हुई. 


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वहीं इस कार्रवाई के बाद यह अटकलें लगनी तेज हो गई कि क्या बिहार की राजनीति फिजा बदलने वाली है. दरअसल इसके पीछे की वजह देखिए इस से पहले नीतीश और तेजस्वी साथ आए तो सरकार ठीक चली और नीतीश ने करप्शन के मामले पर ही तेजस्वी का साथ छोड़ा और सरकार गिर गई. अब एख बार फिर लालू परिवार के ऊपर लगातार सीबीआई और ईडी का कसता शिकंजा इस बात की तरफ इशारा करने लगा है कि कहीं इसी को आधार बनाकर नीतीश पलटी तो नहीं मारने वाले हैं. 


दरअसल इन दिनों नीतीश की भाजपा के साथ बढ़ती नजदीकियां राजनीतिक धरातल पर खूब चर्चा का विषय बन गई हैं. हुआ ये कि नीतीश कुमार के जन्मदिन पर उन्हें पहले पीएम ने ट्वीट कर बधाई दी तो उसी दिन उन्हें गृहमंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह का फोन भी आया. इसके साथ ही बिहार के राज्यपाल फागू चौहान की जब बिहार से विदाई हो रही थी तो उससे पहले वहां नए राज्यपाल के आने की सूचना भी अमित शाह ने नीतीश को फोन कर दी थी. बिहार में गलवान के शहीद के पिता की गिरफ्तारी के बाद राजनाथ सिंह ने नीतीश से खुद बात किया था. पीएम के जन्मदिन की बधाई वाले ट्वीट के बाद तो भाजपा नेताओं की तरफ से नीतीश को बधाई का तांता लग गया था. बता दें कि तमिलनाडु में बिहारियों के साथ हो रही बदसलूकी को लेकर जहां तेजस्वी भाजपा के खिलाफ खड़े थे उसपर सवाल उठा रहे थे वहीं भाजपा के नेताओं से मिलने के बाद नीतीश ने इसकी जांच के लिए टीम गठित कर उसे तमिलनाडु भेज दिया. 


अब लालू के परिवार और सहयोगियों के घर लगातार एजेंसी की तरफ से हो रही कार्रवाई की वजह से नीतीश कुमार भी असहज महसूस करने लगे हैं. नीतीश कुमार ने लालू परिवार के खिलाफ ईडी की छापेमारी और लालू, राबड़ी और मीसा से सीबीआई की पूछताछ के बाद से चुप्पी साध रखी है. जेडीयू के तमाम मंत्री और नेता भी इस मामले पर चुप्पी साधे बैठे हैं. ऐसे में नीतीश कुमार और उनके मंत्रियों के साथ जदयू नेताओं से जब लालू परिवार के खिलाफ एजेंसियों की कार्रवाई को लेकर पूछा गया तो वह बिना कुछ बोले चुप्पी साधे चलते बने. 


लालू परिवार पर कसते शिकंजे पर जब नीतीश से सवाल किया गया तो उन्होंने सवाल सुना और उसे अनसुना कर गाड़ी में सवार हो चलते बने. इसके बाद तो बिहार के कई मंत्री जो जेडीयू कोटे के हैं उनसे मीडिया सवाल पूछती रही और वह मौन धारण करे रहे. ऐसे में यह अंदाजा लगाया जाने लगा कि बिहारी की राजनीति में कुछ तो बड़ा होनेवाला है. जिसनें राजद की घबराहट बढ़ा दी है. जबकि जदयू पूरी शांति से इस सब को दख रही है और भाजपा इस पूरे मामले पर ध्यान गड़ाए बैठी है. 


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