Congress: आखिर बिहार में क्या करनेवाली है कांग्रेस, पार्टी के बड़े नेता क्यों लैंड कर रहे हैं पटना
बिहार में एक तरफ नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ सरकार चला रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा नीतीश की पार्टी जेडीयू सहित राजद, कांग्रेस अन्य गठबंधन दलों के खिलाफ मोर्चा खोलकर खड़ी है. भाजपा जहां अपनी जमीन मजबूत करने की प्रदेश में हरसंभव कोशिश में लगी हुई है.
Patna: बिहार में एक तरफ नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ सरकार चला रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा नीतीश की पार्टी जेडीयू सहित राजद, कांग्रेस अन्य गठबंधन दलों के खिलाफ मोर्चा खोलकर खड़ी है. भाजपा जहां अपनी जमीन मजबूत करने की प्रदेश में हरसंभव कोशिश में लगी हुई है. वहीं महागठबंधन के सभी दल भी प्रदेश में अपनी-अपनी सेहत को ठीक रखने की कवायद में जुटे हुए हैं. आपको बता दें कि महागठबंधन के सभी दल एक साथ तो हैं लेकिन इनके नेताओं के द्वारा जिस तरह से एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी की जा रही है उससे लगने लगा है कि गठबंधन में कहीं तो गांठ ढीली पड़ रही है.
दरअसल 2024 के लोकसभा चुनाव में जहां नीतीश इशारा कर चुके हैं कि सभी दलों को एक साथ आने की जरूरत है. उन्होंने इशारों-इशारों में यह भी कह दिया कि सभी कांग्रेस के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं. वहीं राजद नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी कांग्रेस की तरफ इशारा कर बोल चुके हैं कि सभी दलों को अब एक साथ आने की जरूरत है ताकि भाजपा को हराया जा सके. इसके साथ ही उन्होंने एक बात और कह दी की कांग्रेस को पूरे देश में जहां वह मजबूत है ऐसी 200 के करीब सीटें हैं जिसपर लड़ना चाहिए और जहां क्षेत्रीय दल मजबूत है वहां उसके हाथ में कमान सौंप देनी चाहिए.
आपको बता दें कि इसके पहले बिहार में मंच से कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कह दिया था कि चुनाव के बाद देखा जाएगा कि विपक्ष की तरफ से पीएम पद का उम्मीदवार कौन होगा. कौन उस गठबंधन का चेहरा बनेगा. ऐसे में अब बिहार में लगातार दूसरे प्रदेशों से लगातार कांग्रेस के नेता क्यों आ रहे हैं. आखिर बिहार में कांग्रेस सोच क्या रही है यह सवाल बहुत भारी है. खासकर महागठबंधन के लिए तो इस सवाल का जवाब ढूंढना जरूर हो गई है.
महाराष्ट्र के कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले और कांग्रेस की नेत्री और राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा बिहार पहुंचे तो सवाल उठने लगे कि बिहार पर कांग्रेस के फोकस की वजह क्या है. दरअसल राहुल गांधी की सांसदी जाने के बाद से ही कांग्रेस एक्टिव हो गई है. वह हर प्रदेश में जाकर भाजपा सरकार के खिलाफ अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को इकट्ठा करने में लगी है ताकि एक तगड़ी टक्कर भाजपा को दे सके. ऐसे में कांग्रेस के नेता जहां भी जा रहे हैं नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोल रहे हैं और नरेंद्र मोदी और गौतम अडाणी के रिश्तों को लेकर ढेर सारे सवाल कर रहे हैं.
ऐसे में पटना पहुंचे महाराष्ट्र के नाना पटोले ने साफ कह दिया कि कांग्रेस के बिना विपक्षी एकता के बारे में सोचने का कोई फायदा नहीं है ऐसे में दिल्ली में बैठकर ही इस पर बात हो सकती है. उन्होंने साफ कहा कि मैं किसी को सलाह नहीं दे रहा लेकिन मैं बड़ा तूं बड़ा से ऊपर उठकर सोचना होगा तभी विपक्षी एकता संभव है और कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है ऐसे में दिल्ली में बैठकर एक रणनीति बनानी होगी. अलका लांबा इस दौरान हाजीपुर में थीं और वह वहां नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ हल्लाबोल कर रही थी, उन्होंने कहा कि वह यहां से मुजफ्फरपुर जाएंगी. जहां कांग्रेस के कई बड़े नेता भी उसके साथ होंगे. देशभर में 35 शहरों में आज कांग्रेस नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल रही है और नरेंदर मोदी और गौतम अडाणी को लेकर खूब प्रहार किया जा रहा है. ऐसे में नाना पटोले ने यहां साफ कर दिया की नीतीश की रणनीति आनेवाले लोकसबा चुनाव के लिए जो भी हो लेकिन कांग्रेस के द्वारा ही जीत का मंत्र दिया जाएगा.