Bharat Jodo Nyay Yatra: राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दो बार बिहार आने के मायने क्या हैं? जानें रूट मैप
Bharat Jodo Nyay Yatra: कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का दूसरा चरण शुरू होने वाला है. हालांकि इसका नाम भारत जोड़ो न्याय यात्रा है. लेकिन, बता दें कि यह नए पैकेट में वही पुराना करिश्मा डालने की कांग्रेस की कोशिश है.
पटना: Bharat Jodo Nyay Yatra: कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का दूसरा चरण शुरू होने वाला है. हालांकि इसका नाम भारत जोड़ो न्याय यात्रा है. लेकिन, बता दें कि यह नए पैकेट में वही पुराना करिश्मा डालने की कांग्रेस की कोशिश है. जिसके जरिए कांग्रेस दावा करती रही कि कर्नाटक का किला इसकी बदौलत ही कांग्रेस ने फतह की है. अब कांग्रेस की तरफ से पूरा फोकस लोकसभा चुनाव पर है. ऐसे में कांग्रेस जिन राज्यों में उसकी जमीन कमजोर हो गई है वहीं अपना पांव फिर से जमाने की कोशिश में है.
ये भी पढ़ें- मंगलवार को भूलकर भी नहीं लेना चाहिए कर्ज, जानें क्या होता है इसका प्रभाव
ऐसे में राहुल गांधी एक बार फिर से यात्रा पर निकलने वाले हैं. 14 जनवरी से इस यात्रा की शुरुआत होने वाली है. हालांकि इस बार इस यात्रा का नाम भारत जोड़ो न्याय यात्रा कर दिया गया है. इससे पहले इसे भारत न्याय यात्रा का नाम ही केवल दिया गया था. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इसके बारे में जानकारी दी है.
भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत इम्फाल से होने वाली है. यानी इस बार फोकस पूर्वोत्तर के राज्यों से शुरू हो रहा है. मणिपुर से इस यात्रा का प्रारंभ होगा. यात्रा 6700 किलोमीटर लंबी होगी. वहीं यह 15 राज्यों से होकर गुजरेगी. वहीं बिहार में भी 425 किलोमीटर लंबी यह यात्रा होने वाली है जिसमें प्रदेश के 7 जिले कवर होंगे.
यानी राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान दो बार बिहार आएंगे. इसमें से पहली बार इस यात्रा में वह पूर्णिया, अररिया होते हुए पश्चिम बंगाल निकल जाएंगे. जबकि वहां से झारखंड, छत्तीसगढ़ होते हुए दोबारा बिहार में प्रवेश करेंगे. जिसमें सासाराम में उनका प्रवेश होगा और फिर तमाम जिलों से होते हुए वाराणसी के रास्ते यूपी में प्रवेश करेंगे. यह यात्रा कुल 67 दिनों तक चलने वाली है. जिसमें 15 राज्य और 110 जिलों से होकर यह यात्रा गुजरेगी. जिसमें 100 लोकसभा सीटें आएंगी. इस यात्रा को मुंबई में समाप्त होना है. मतलब साफ है कि इस यात्रा को दो बार बिहार से होकर गुजरना होगा. इसका कितना राजनीतिक लाभ कांग्रेस को मिलेगा यह तो समय के साथ ही पता चल पाएगा.