पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि महागठबंधन सरकार बनने के बाद नीतीश कुमार ने राजद-जदयू के बीच श्रेय लेने की खींचतान के चलते दरभंगा में एम्स बनाने का मामला उलझा दिया. वे बतायें कि एम्स को दी गई 81 एकड़ जमीन वापस क्यों ली गई?


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राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यदि दरभंगा मेडिकल कालेज  अस्पताल (डीएमसीएच) व्यस्त क्षेत्र में होने के कारण एम्स के लिए उपयुक्त नहीं है, तो सरकार ने इसी परिसर में पहले 81 एकड़ जमीन क्यों दी थी? उन्होंने पूछा कि 2000 करोड़ रुपये से बनने वाले एम्स-दरभंगा को सहरसा ले जाने के लिए नीतीश कुमार ने दिनेशचंद्र यादव सहित 15 जदयू सांसदों से ज्ञापन क्यों दिलवाया ?


 



राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी  ने पूछा कि महागठबंधन सरकार बनने और स्वास्थ्य सहित कई विभाग तेजस्वी प्रसाद यादव को मिलने पर लालू प्रसाद के करीबी भोला यादव ने अशोक पेपर मिल (हायाघाट) के परिसर में एम्स के लिए जमीन देने की घोषणा किसके इशारे पर की थी? कौन चाहता था कि एम्स दरभंगा में नहीं बने?


उन्होंने कहा कि दरभंगा में एम्स बनाने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नहीं मिले, इसलिए पहले दो साल तक तो मुख्यमंत्री इस बात अड़े रहे कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (डीएमसीएच) को ही अपग्रेड कर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बना दिया जाए.


उन्होंने कहा कि किसी मेडिकल कॉलेज को अपग्रेड कर एम्स बनाने का नियम नहीं है, इसलिए अन्तत: बिहार सरकार दरभंगा एम्स के लिए डीएमसीएच परिसर में ही  150 एकड़ जमीन देने पर राजी हो गई. 82एकड़ जमीन आवंटित भी कर दी गई थी.


राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बाद में जदयू के दबाव में बिहार सरकार ने शोभन बाइपास में जो 151 भूमि आवंटित की, वह सड़क से 30फीट नीचे गड्ढे में जल-जमाव वाली भूमि थी. उसे केंद्रीय टीम ने एम्स का भवन बनाने के लिए उपयुक्त नहीं पाया.


उन्होंने कहा कि शोभन की जमीन का निरीक्षण करने बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने इसे अस्वीकार कर दिया और कोई दूसरी भूमि आवंटित करने का आग्रह किया. राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी  ने कहा कि नीतीश कुमार ने दरभंगा एम्स की कल्याणकारी योजना को ही घटिया राजनीति के गहरे गड्ढे में धकेल दिया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के बाद केवल बिहार को दो एम्स(पटना, दरभंगा) की सौगात देने का निर्णय किया था, लेकिन राज्य सरकार के असहयोग के कारण यहाँ केवल एक एम्स (पटना) बन पाया.