Women Reservation Bill: महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) बुधवार (20 सितंबर) को लोकसभा में लंबी चर्चा के बाद पास हो गया. वोटिंग परची के जरिए की गई. वोटिंग के दौरान बिल के समर्थन में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े. बिल पास होने पर पीएम मोदी ने खुशी जताई और सभी सांसदों को बधाई दी. पीएम मोदी ने कहा कि लोकसभा में संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023 के इस तरह के अभूतपूर्व समर्थन के साथ पारित होने पर खुशी हुई. इससे महिला सशक्तिकरण होगा और राजनीतिक प्रक्रिया में उनकी और भी अधिक भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा. 


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प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि इस बार इस बिल को जिस प्रकार से सभी राजनीतिक दलों का ऐतिहासिक समर्थन मिला है, वह विकसित और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की सिद्धि में मील का पत्थर साबित होगा. मैं सभी सांसदों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं. महिला आरक्षण बिल का सदन में कांग्रेस पार्टी ने भी समर्थन किया. कांग्रेस की सांसद और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि ये मेरी जिंदगी का मार्मिक क्षण है, पहली बार स्थानीय निकायों में स्त्री की भागीदारी तय करने वाला संविधान संशोधन मेरे जीवन साथी राजीव गांधी ही लेकर आए थे. 


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बिल के विपक्ष में केवल 2 वोट पड़े थे, इसलिए इन दोनों सांसदों की भी खूब चर्चा हो रही है. महिला आरक्षण बिल का विरोध करने वाले दो सांसदों में एक सांसद तो AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी हैं. बिल का विरोध करते हुए ओवैसी ने कहा कि अभी लोकसभा में ओबीसी सिर्फ 22% है और मुस्लिम महिलाओं के लिए भी हमने संशोधन डाला था. सिर्फ 4 फीसदी मुस्लिम महिलाएं हैं, उनका भी प्रतिनिधित्व होना चाहिए. ओवैसी ने आगे कहा कि भारत की आबादी में 7% मुस्लिम महिलाएं हैं और उनका प्रतिनिधित्व 0.7% है. हमने इसके खिलाफ वोट किया ताकि उन्हें पता चले कि उन्हें पता चला कि हम उनके लिए लड़ रहे हैं.


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ओवैसी के अलावा बिल का विरोध करने वाला दूसरा सांसद भी AIMIM पार्टी का है. इस सांसद का नाम है सैय्यद इम्तियाज जलील. इम्तियाज जलील, महाराष्ट्र के औरंगाबाद सीट से लोकसभा सांसद हैं. सदन में उन्होंने भी बिल के विरोध में वोट किया. बता दें कि नारीशक्ति वंदन विधेयक के कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या मौजूदा 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी. राज्य विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी.