पीत पत्र विवाद में चंद्रशेखर के अपने ही बन रहे `बेगाने`, राजद MLC ने ऐसे किया वार
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और आईएस के के पाठक के विवाद को लेकर अपने ही पार्टी के मंत्री पर आरजेडी के एमएलसी सुनील सिंह ने जमकर निशाना साधा और कहा की जिस शिक्षा विभाग का बजट 40 हजार करोड़ का है.
Yellow Paper controversy: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और आईएस के के पाठक के विवाद को लेकर अपने ही पार्टी के मंत्री पर आरजेडी के एमएलसी सुनील सिंह ने जमकर निशाना साधा और कहा की जिस शिक्षा विभाग का बजट 40 हजार करोड़ का है. वहां पर प्रधान सचिव और मंत्री महोदय में सामंजस्य नहीं रहेगा तो इसकी क्षति राज्य की जनता को उठानी पड़ेगी. मुख्यमंत्री का जो विजन है सरकार का जो विजन है बजट में सबसे ज्यादा धन शिक्षा विभाग के लिए दिए गए हैं. उसके बाद भी आपस में कटुता रहेगा पीत पत्र चलेगा तो इस राज्य का विकास शिक्षा में कभी नहीं हो सकता है. के के पाठक ईमानदार व्यक्ति हैं. बिहार स्टेट कोऑपरेटिव में काफी अच्छा काम किया है. देश के सभी मुख्यमंत्री के पास इस तरह के 5-7 पदाधिकारी होते हैं जिनको वह बेहतर रूप में इस्तेमाल करते हैं.
सरकार में कोई मंत्री इधर-उधर कर रहे हैं 1 का 2 और 2 का 4 बना रहे हैं. उसको साधने के लिए इस तरह के पदाधिकारी लाये जाते हैं. मेरे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में एक समय में भारत और पाकिस्तान का रिश्ता था और हमको समझने के लिए वह सीके अनिल आईएएस को लाए. जब उनको लगा कि सरकार उन्हें एक हथियार के रूप में उपयोग कर रही है तो वह हमारे अच्छे मित्र हो गये. आज सीके अनिल मुसीबत में हैं तो सरकार मदद नहीं कर रही है. केके पाठक के कारण कार्यप्रणाली 2-4 महीने में सुधर जायेगा. जो शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार था. शिक्षक स्कूल से फरार रहते थे इन सब में सुधार होगा.
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अपने ही पार्टी के कोटे के मंत्री चंद्रशेखर पर निशाना साधते हुए सुनील सिंह ने कहा कि शिक्षा को छोड़कर रामायण, गीता और महाभारत को लेकर मंत्री जी घूम रहे थे और विधानसभा में तो कहीं ना कहीं मुख्यमंत्री को यह बात सही नहीं लगा होगा तो उनको समझने के लिए प्रयोग किये गए होंगे.
जब मंत्री चंद्रशेखर सदन में रामायण, महाभारत, गीता की किताब को लाते थे तो जदयू के विधायक ने इसका प्रतिकार किया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पूरा बिहार चलाना है और शिक्षा विभाग में कहीं ना कहीं कोई कमजोरी देखे होंगे. इसके लिए मुख्यमंत्री ने इस तरह का प्रयोग किया है. तेजस्वी यादव और लालू यादव जी को बैठकर इस मामले का हल करना चाहिए. जनता के हित में, बहुत सारे मंत्री और अधिकारी 2-4 कर लेते हैं. यह बहुत सारे लोग जानते हैं. बहुत बातें लोग जानते हैं उसे फ्लोर पर नहीं लाना चाहिए. सभी जानते हैं कि बिहार की क्या स्थिति है?
बता दें कि जिस के के पाठक और चंद्रशेखर के बीच पीत पत्र विवाद चल रहा है, वही के के पाठक नीतीश कुमार के सबसे विश्वासपात्र अधिकारी माने जाते हैं. बिहार सरकार के इस कड़क अधिकारी को इसलिए नीतीश कुमार ने शिक्षकों की भर्ती के लिए शिक्षा विभाग में लाकर यह अहम जिम्मेदारी सौंपी है. के के पाठक ने ही नई शिक्षक भर्ती जो बीपीएससी की तरफ से बिहार में होनी है उसकी पूरी रूपरेखा तैयार की है. उनके बनाए फॉर्मूले पर ही आगे बीपीएससी को काम करना है.
(रिपोर्ट- रूपेंद्र श्रीवास्तव)