किशनगंज:Bihar Politics: किशनगंज में AIMIM प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने महिला आरक्षण बिल पर बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण बिल में मुस्लिम महिलाओं के लिए आरक्षण मिलना चाहिए था. अख्तरुल ईमान ने महिला आरक्षण विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि इसमें संशोधन करके मुस्लिम महिलाओं के लिए आरक्षण की सीमा जनसंख्या के अनुपात में कर दी जाए और उन्हें उनके राजनीतिक अधिकारों से वंचित न किया जाए. उन्होंने सच्चर कमेटी और रघुनाथ मिश्रा कमीशन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि शैक्षणिक, आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक हर मामले में मुसलमानों की हालत दलितों से भी बदतर है और मुस्लिम महिलाओं की हालत तो और भी बदतर है. ऐसे में महिला विधेयक में मुस्लिम महिलाओं को आरक्षण से वंचित करना बहुत बड़ा अन्याय मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय है.


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अख्तरुल ने कहा कि इस महिला विरोधी विधेयक के खिलाफ किसी पार्टी के सांसद को हिम्मत नहीं हुई केवल मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM)के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी और इम्तियाज जलील ने इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई और बड़ी निर्भीकता और ईमानदारी दिखाते हुए इसके खिलाफ मतदान किया. उन्होंने कहा कि इस विधेयक के जरिए मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों को नकार दिया गया है. इससे साफ पता चलता है कि सभी राजनीतिक दलों ने मुस्लिम महिलाओं को राजनीतिक रूप से कमजोर और हाशिए पर रखने का फैसला कर लिया है.


अख्तरुल ईमान ने देश के संविधान का हवाला देते हुए कि कहा कि अनुच्छेद 341 के तहत हिंदुओं, सिखों और बौद्धों को धर्म के आधार पर आरक्षण दिया गया है. लेकिन मुस्लिम, ईसाई, जैन और पारसियों को धर्म के आधार पर इससे वंचित रखा गया है, इससे साबित होता है कि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण देने की गुंजाइश है. इसलिए मुस्लिम महिलाओं को भी आरक्षण दिया जा सकता है।


अख्तरुल ईमान ने तीसरा मोर्चा के सवाल पर कहा कि AIMIM के बिहार प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि I.N.D.I.A गठबंधन वालों ने तीसरा मोर्चा खड़े करने पर मजबूर कर दिया है,उनकी पार्टी की इच्छा नहीं थी कि तीसरा मोर्चा खड़े हो ।उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों में खासकर बिहार के INDIA गठबंधन में शामिल नेताओ में हमारी पार्टी को लेकर दिल में खोट है कोई हमें साथ नहीं लेकर चलना चाहती है।


इनपुट- अमित


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