किशनगंजः बिहार की शिक्षा प्रणाली एक बार फिर चर्चा में आ गई है. इस बार चर्चा का विषय कश्मीर को अलग देश बनाने को लेकर है. दरअसल, बिहार एजुकेशन शिक्षा विभाग के अनुसार कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं, बल्कि एक अलग देश है. बिहार में 7वीं क्लास के स्टूडेंट्स के लिए तैयार किए गए प्रश्न पत्र में एक ऐसा ही सवाल पूछा गया है. परीक्षा के प्रश्न पत्र में चीन, भारत, नेपाल तथा इंग्लैंड के साथ कश्मीर को भी देश माना गया. हालांकि ये मामला एक बार पहले भी साल 2017 में आ चुका है. बिहार शिक्षा विभाग ने एक बार फिर 2017 के प्रश्न पत्र को एक बार फिर साल 2022 में दोहरा दिया. साल 2017 से भी उन्होंने सीख नहीं ली.    


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दरअसल, इन दिनों बिहार शिक्षा विभाग के आदेश पर कक्षा एक से लेकर कक्षा आठ के बिहार के सभी छात्र छात्राओं की अर्धवार्षिक परीक्षा ली जा रही है. जो बारह अक्टूबर से आरंभ हुई है और अठारह अक्टूबर तक चलेगी. 17 अक्टूबर सोमवार के दिन द्वितीय पाली में छठी क्लास से लेकर क्लास आठवीं तक के छात्र छात्राओं से अंग्रेजी की परीक्षा ली गयी. लेकिन बिहार शिक्षा विभाग पर सवाल तब उठा जब सातवीं क्लास के अंग्रेजी प्रश्न के पहला सवाल में इतनी बड़ी गलती की गई. प्रश्न में कश्मीर को अलग देश बताया गया.  


सवाल में कश्मीर को माना देश 
सातवीं कक्षा की अंग्रेजी की परीक्षा में एक सवाल में खाली जगह भरने को कहा गया था तथा समझाने के लिए पहले प्रश्‍न का उत्‍तर दिया गया था. सवाल में पूछा गया था कि ”नीचे लिखे देशों” में रहने वालों को क्या कहा जाता है? खाली जगह भरने वाले सवाल कुछ यूं थे-
1. द पीपल ऑफ चाइना आर कॉल्ड द ……..…………


2. द पीपल ऑफ नेपाल आर कॉल्ड द ………………..


3. द पीपल ऑफ इंग्लैंड आर कॉल्ड द ………………..


4. द पीपल ऑफ कश्मीर आर कॉल्ड द ………………..


5. द पीपल ऑफ इंडिया आर कॉल्ड द ………………..


साल 2017 में भी हो चुकी है गलती 
यह मामला जांच का विषय है. आखिर एक बार फिर वही गलती क्यों हुई जो साल 2017 में हो चुकी है. ये गलती है या फिर कोई साजिश है. इस साजिश के पीछे किसका हाथ है, वैसे पदाधिकारियों को चिन्हित कर कार्रवाई करने की जरूरत है. साथ ही बिहार शिक्षा मंत्री सहित शिक्षा विभाग के अधिकारियों को देश की जनता से माफी मांगने की जरूरत है. हालांकि ऐसे सवाल पहले भी पूछा गया था.


भाजपा बोली रची जा रही साजिश
वही जिला शिक्षा पदाधिकारी सुभाष कुमार गुप्ता से मामले को पूछे जाने पर उन्होंने कैमरे के सामने कुछ बोलने से इंकार किया है. हालांकि शिक्षाविद और भाजपा के नेता इस तरह के सवाल पर शिक्षा विभाग को कटघरे में खड़े कर इसे सजिश बता रहे है, जिसके लिए संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर केंद्रीय शिक्षा मंत्री से शिकायत की बात कहते है.


इनपुट-अमित सिंह 


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