साइबर अपराधियों ने पूर्णिया केंद्रीय कारा में बंद कैदियों के परिजनों को बनाया अपना निशाना, इलाज के लिए मांगे पैसे
बिहार के पूर्णिया में साइबर थाना के खुले अभी 72 घंटे भी नहीं बीते थे कि साइबर अपराधियों ने पुलिस को चुनौती दे दी. साइबर अपराधियों ने पूर्णिया केंद्रीय कारा में बंद बंदियों के परिजनों को अपना निशाना बनाया.
पूर्णियाः बिहार के पूर्णिया में साइबर थाना के खुले अभी 72 घंटे भी नहीं बीते थे कि साइबर अपराधियों ने पुलिस को चुनौती दे दी. साइबर अपराधियों ने पूर्णिया केंद्रीय कारा में बंद बंदियों के परिजनों को अपना निशाना बनाया.
दरअसल, रविवार को साइबर अपराधियों ने पूर्णिया सेंट्रल जेल में बंद 24 बंदियों के परिजनों को कॉल किया और उनसे रुपए मांगे. साइबर ठग ने बंदियों के परिजनों को जेल में बंद उनके रिश्तेदारों की तबीयत खराब होने की सूचना दी और उनके इलाज के नाम पर उनसे रुपए ठगने का प्रयास किया. साइबर क्रिमिनल इतने पर ही नहीं रुके. शातिरों ने जेल में बंद कैदियों का केस लड़ने वाले वकीलों को भी कॉल किया. बदमाशों ने वकीलों के अलावा जेल सुपरिटेंडेंट के अलावा अन्य पदाधिकारियों को भी फोन कर उन्हें चूना लगाने की कोशिश की है.
बताते चलें कि साइबर अपराधियों ने ठीक इसी तर्ज पर एक सप्ताह पहले कटिहार मंडल कारा में बंद बंदियों के एक परिजन से साइबर बंदी का इलाज करवाने के नाम पर 75 हजार रुपए ठग लिये. अपराधियों ने बंदी के परिजन से कहा कि वह कटिहार जेल के जेलर है. रुपए नहीं भेजने पर उनके परिजन को इलाज के लिए बाहर नहीं भेजा जा सकेगा.
इसी साल 25 फरवरी को झारखंड के गुमला में साइबर अपराधियों ने इसी तर्ज पर जेल में बंद बंदियों के रिश्तेदारों से रुपए की ठगी की घटना को अंजाम दिया है. वहां भी साइबर अपराधियों ने जेल में बंद कैदियों का डाटा एकत्रित कर उनके परिजनों को जेल में बंद उनके रिश्तेदारों की तबीयत खराब होने की सूचना दी और बेहतर इलाज के लिए पैसे की डिमांड की. गुमला में कुछ बंदियों के परिजन ठगी का शिकार भी हुए. सनद रहे कि जेल में बंद किसी भी बंदी की तबीयत खराब होने पर सरकार की ओर से सारी स्वास्थ्य सुविधा निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती है.
इनपुट- मनोज कुमार
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