बिहार के कटिहार में 24 साल बाद हुआ बेटी का जन्म, नन्ही परी को डोली में बिठाकर लाए घर
24 वर्षों बाद बेटी का जन्म हुआ तो परिजनों ने उसे घर लाने के लिए सजाई डोली और बैंड-बाजों का किया इंतजाम. यह परिवार समाज की रूढ़िवादी परम्परा को आईना दिखा रहा है.
कटिहारः बेटों के जन्म पर खुशी मनाने का चलन तो बहुत पुराना रहा है और आपने कई जगह सुना भी होगा. लेकिन बदलते जमाने के साथ अब लोग बेटियों के जन्म पर भी जोर शोर से खुशी मनाने लगे हैं. ऐसा ही एक खूबसूरत नजारा बिहार के कटिहार में देखने को मिला. जंहा 24 वर्षों बाद खानदान में बिटिया का जन्म हुआ तो उसका शानदार तरीके से स्वागत किया गया. परिजन बेटी को मां के साथ अस्पताल से घर तक डोली में बैठाकर लाए. यह मामला कटिहार के कोढ़ा प्रखंड क्षेत्र से सामने आ रहा है. क्या है पूरा मामला? चलिए हम आपको बताते है.
24 वर्ष बाद हुआ बेटी का जन्म
आपने आमतौर पर मां-बाप या फिर परिवार द्वारा बेटे की कामना करने के बारे में तो काफी देखा और सुना होगा. जहां तक आपने बेटी पैदा होने के बाद बहू को प्रताड़ित करने की खबरें भी पढ़ी होंगी, लेकिन आज हम आपको ऐसी तस्वीरें दिखाने जा रहा है जिसे देखकर आप भी कह उठेंगे ओह माई गॉड! जी हां! कटिहार में एक परिवार में 24 वर्षों बाद बेटी का जन्म हुआ तो उसे घर लाने के लिए डोली सजाई गई और बैंड-बाजों का इंतजाम किया गया. यह परिवार समाज की रूढ़िवादी परम्परा को आईना दिखा रहा है. परिवार इस खुशी को एक त्यौहार की तरह मना रहा है.
बेटी को डोली में बैठाकर लाए घर
परिवार के मुखिया का कहना है कि बेटियों के लिए यह अधिकार पहले से ही था. लेकिन आज के परिवेश में लोग भूलते जा रहे है. भ्रूण हत्या जैसी जघन्य अपराध को डोली में बेठी मेरी बिटिया समाज के उन लोगों से सवाल पूछ रही है कि मैं उसी बहु की बेटी हूं जिस बहु को आप डोली में बिठाकर घर लाएं थे. बहु बताती है कि एक वो डोली थी जब मैं अपने ससुराल से चढ़कर आई थी. आज यह डोली मेरी बेटी मेरे साथ अस्पताल से चढ़कर आयी है. वहीं कटिहार प्रखंड क्षेत्र में रूढ़िवादी परम्परा को पहली बार कोढ़ा विधानसभा क्षेत्र से टूटता देख जिला परिषद अध्यक्षा ने नारी सशक्तिकरण में अनोखी मिसाल बताई है.
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