पूर्णिया:Bihar News: बिहार के पूर्णिया जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे जानने के बाद हर कोई अचंभे में है. इस घटना की कहानी बिलकुल फिल्मी है. दरअशल हुआ ऐसा कि एक पिता ने जिस बेटी का अंतिम संस्कार कर दिया था बाद मे बाद में फोन पर सामने से उसी बेटी आवाज आती है कि 'पापा मैं जिंदा हूं'. इस फोन कॉल के आने के बाद से पिता के होश उड़ जाते हैं. ये आवाज थी 17 वर्षीय अंशु की जो बीते दिनों स्कूल जाने के क्रम में घर से लापता हो गई थी. बाद में घरवालों ने एक मृत शव की पहचान अपनी बेटी के रूप में की और फिर उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया. वहीं इस फोन कॉल के बाद अब मामला ही बदल गया है.


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पूरा मामला पूर्णिया के रुपौली थाना क्षेत्र अंतर्गत तुलसी बिशनपुर का बताया जा रहा है. जहां तीन अगस्त को विनोद मंडल की 17 वर्षीय नाबालिग पुत्री अंशु स्कूल जाने के लिए घर से निकली थी लेकिन वो घर ही नहीं लौटी. काफी खोजबीन के बाद जब अंशु का कोई पता नहीं चला तो घर वालों ने थाने में भी इसके बारे में सूचना नहीं दी. जिसके बाद पूर्णिया के भवानीपुर थाना क्षेत्र के अकबरपुर ओपी अंतर्गत नवगछिया टोला के बहियार नहर के कछार में 15 अगस्त को एक लड़की का क्षत-विक्षत शव उपलाता हुआ मिला. इस बारे में विनोद मंडल को जब जानकारी मिली तो वो अपने परिवार और अन्य लोगों के साथ वहां पहुंचे.


विनोद मंडल ने कपड़े और कद-काठी से शव की शिनाख्त अपनी बेटी अंशु के रूप में करने के बाद कागजी प्रक्रिया पूरा कर अंतिम संस्कार भी कर दिया. जिसके बाद 17 अगस्त की सुबह अंशु को जब उसके मौत की खबर मिली तो उसने अपने पिता को फोन किया और कहा "पापा मैं अंशु, पापा मैं जिंदा हूं..." वहीं कॉल आने के बाद घर वालों को यकीन हुआ कि अंशु मरी नहीं बल्कि जिंदा है जब उसने परिवार के लोगों से वीडियो कॉल पर बात की. अशु ने बताया कि लापता होने के 10 दिन पहले एक गलत नंबर से उसे कॉल आया था. ये कॉल भवानीपुर के 24 वर्षीय विरांजन का था. बातचीत के दौरान दोनों को प्यार हो गया और 10 दिन बाद ही दोनों ने भाग कर शादी कर ली है.


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