किशनगंज: Bihar News: राज्य सरकार के द्वारा एक मार्च से सरकारी दफ्तरों के संचालन में बदलाव किया गया है. जिसके बाद अब अधिकारी और कर्मचारी सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक अपने कार्यालयों में डियूटी पर तैनात रहेंगे. सरकार के इस आदेश का किशनगंज के कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल दो (2) और डीआरडीए कार्यालय का रियलिटी टेस्ट किया गया. इस रियलिटी टेस्ट में जानने की कोशिश की गई की आखिर अधिकारी और कर्मी सरकार के निर्देशों का कितना पालन करते है. या यूं कह सकते है कि अधिकारी और कर्मी अपने कर्तव्य के प्रति कितना जिम्मेदार हैं. बता दें कि इन्ही दोनों विभागों के जिम्मे जिले के सुदूरवर्ती गांवों का विकास करना है.


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रियलिटी टेस्ट में पाया गया कि डीआरडीए के मात्र चार ही कर्मी निर्धारित समय पर उपस्थित थे. बाकी अन्य अधिकारी डीडीसी अवकाश पर थे तो डीआरडीए के निर्देशक के कक्ष का ताला तो कर्मचारियों ने खोल दिया, लेकिन वहां अधिकारी समय से नहीं पहुंच सके थे. विभाग के अन्य बाबूओं की कुर्सी भी खाली नजर आईं. वहीं ग्रामीण कार्य विभाग की अगर बात करें तो अधिकारियों को दौड़ते भागते हुए कार्यालय जाते देखा गया. वहीं कुछ अधिकारी आधा घंटा लेट से पहुचें. सरकारी बाबू अपने अपने में कार्यालय पहुंच रहे हैं और कार्यालय का ताला खोलते नजर आ रहे है.


इस दौरान जब सरकारी कर्मियों से लेट आने पहुचे पूछा गया तो बहाना भी तैयार था. वहीं इस मामले को लेकर जब जिला पदाधिकारी तुषार सिंगला से पुछा गया तो उन्होंने कार्रवाई का भरोसा तो दिया लेकिन कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से मना कर दिया. बता दें कि बिहार सरकार के आदेश के बाद भी राज्य के सरकारी कार्यालयों के अधिकारियों का यही हाल है.


इनपुट- अमित सिंह


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