पूर्णिया : पूर्णिया के जलालगढ़ में हजारों की आबादी  जिंदगी से जंग लड़ रही है. यहां के लोग कई गंभीर बीमारी के शिकार हो रहे हैं और तो और यहां अब अपनी बेटी की शादी कोई नहीं करना चाहता है लिहाजा शादी की उम्र में भी लड़के कुंवारे हैं. इन सब परेशानी की जड़ जलालगढ़ में हो रहे रेक पॉइंट पर कोयला और गिट्टी के उतारे जाने की वजह से है, जिससे निकलने वाले डस्ट से घर-परिवार, बच्चे, बुजुर्ग, पेड़-पौधे सभी दम तोड़ रहे हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यहां के हरे-हरे पेड़ पर काली परत, घरों में कोयले की  डस्ट की परत, छतों की पानी की टंकियों पर बैठी काली परत देखकर सभी हैरान हो जाते हैं. यहां की महिलाएं एक साल से इसका दंश झेल रही हैं और अब इसका विरोध कर रही हैं.


दरअसल जलालगढ़ में बड़ी आबादी के बीच रेलवे ने रेक पॉइंट का निर्माण किया है. जहां रोज 2 से 3 रेक कोयला और गिट्टी आता है और जब मालगाड़ी से ट्रक पर धुलाई के लिए इसे अपलोड करते हैं तो उससे निकलने वाले डस्ट से लोगों को परेशानी होती है. मानव निर्मित इस समस्या से हजारों लोग प्रभावित हैं. यहां की स्थानीय महिला बताती हैं कि इसकी शिकायत रेलवे के अधिकारियों से की गई लेकिन वे लोग ध्यान नहीं देते हैं. जिसके कारण अब संकट गहराता जा रहा है. किसी को सांस की समस्या तो किसी को दम फूलने की समस्या हो रही है. खाने में भी डस्ट भर जाता है और तो और अब लोग अपनी बेटी की शादी जलालगढ़ में करना नहीं चाहते हैं. उन्हें डर है उनकी लाडली भी यहां पर गंभीर बीमारी की शिकार हो सकती है. लिहाजा कुंवारों की एक फौज खड़ी हो गई है. 


यहां के युवा पिछले 1 सप्ताह का एक्यूआई निकाल कर बताते हैं कि 400 से 500 के बीच जलालगढ़ का एक्यूआई है. जो बड़े प्रदूषण का संकेत दे रहा है. इनकी मानें तो जब दिल्ली का एक्यूआई 200 से ज्यादा होता है तो सरकार स्कूल बंद कर देती है लेकिन यहां इतना ज्यादा होने के बावजूद भी स्थानीय प्रशासन और रेलवे विभाग संजीदा नहीं है. आखिर वह कहां जाए. उनका अपना घर है इसे छोड़कर अब कहां रहे. 


इस बावत जब जलालगढ़ रेलवे स्टेशन के अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया लेकिन दबी जुबान से कहा कि इनकी समस्या काफी गंभीर है और उच्च अधिकारियों से बात की गई है. जल्द ही यहां पर पानी का फव्वारा लगाया जाएगा. साथ ही जाल भी लगाया जाएगा जिससे डस्ट को बाहर निकलने से रोका जा सके. स्थानीय लोग इस रेक पॉइंट को घनी आबादी से दूर करने के अलावा कुछ भी मानने को तैयार नहीं है. बहरहाल रेलवे को भी इस दिशा में सोचने की जरूरत है ताकि बड़ी आबादी प्रभावित ना हो. 


(Report-MANOJ KUMAR)


ये भी पढ़ें- Khesari Lal New Song 2022: खेसारी का भोजपुरी गाना 'तेल' के सामने कई दिग्गज हुए फेल, व्यूज ने बनाया रिकॉर्ड