Supaul: बिहार में अब बिजली की किल्लत नहीं होगी क्योंकि बिजली की समस्या से पार पाने के लिए बिहार ने कुछ अनोखे सोलर पावर प्लांट (Solar Power Plant) पर काम करना शुरू कर दिया है. ये अनोखा इसलिए हैं क्योंकि ये सोलर पावर प्लांट पानी के ऊपर तैरता रहेगा और बिजली का उत्पादन करता रहेगा.


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इस सोलर प्लांट की शुरूआत दरभंगा जिले से हुई है और उसके बाद सुपौल में भी इस तरह के सोलर प्लांट का निर्माण किया जा रहा है. निर्माणधीन इस पॉवर प्लांट से 2.4 मेगावाट सोलर बिजली का उत्पादन की बात कही गई है. सुपौल बिजली घर की क्षमता 0.525 मेगावाट है. यहां कंपनी ने एजेंसी के चयन का काम शुरू कर दिया है. जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड नामक एजेंसी इसपर काम कर रही है. परियोजना में लगभग तीन करोड़ तक खर्च आने का अनुमान है.


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वहीं, इसे जून में ही पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन देरी की वजह से इस परियोजना को पूरा नहीं किया गया. इस सोलर पावर प्लांट से उत्पादित बिजली घर ग्रिड से कनेक्टेड होगी, जहां से उत्पादित बिजली ग्रिड से होते हुए सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचेगी. 


वहीं, इसे लेकर स्थानीय सुनींद्र कुमार और जिला परिषद सदस्य विजय शर्मा ने बताया कि 'तालाब में स्थापित इस सोलर बिजली का उद्देश्य नीचे मछली और ऊपर बिजली की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है. यह प्लांट ड्रम के सहारे तालाब में तैरता रहेगा.'


बिहार में पहली बार पानी पर तैरते पावर प्लांट से इलाके के लोगो में खुशी होना लाजमी है. 5 जनवरी 2020 में जल जीवन हरियाली यात्रा के दौरान सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने दिनापट्टी पंचायत स्थित सखुआ गांव के इसी सरकारी राजा पोखर का निरीक्षण किया था और राजा पोखर के पास जल जीवन हरियाली जागरूकता जनसभा मंच से पर्यावरण संरक्षण को लेकर रिमोट से 1103 करोड़ की 153 विभिन्न सरकारी योजनाओं का शिलान्यास किया था. उन्ही में से एक योजना पानी पर तैरता सोलर पावर बिजली घर का निर्माण हैं. जिसका सुपौल जिले के सखुआ गांव स्थित सरकारी राजा पोखर में निर्माण किया जा रहा हैं.