किशनगंजः सरकारी स्कूल के बच्चों ने कूड़ेदान में फेंका मिड डे मील का खाना, जानें पूरा मामला
बिहार के किशनगंज शहर के प्राथमिक विद्यालय रूईधासा में स्कूली बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन दिया जाता है. इसकी गुणवत्ता ठीक नहीं होने की वजह से स्कूली बच्चे भोजन को कूड़ेदान में फेंक रहे हैं.
किशनगंजः बिहार के किशनगंज शहर के प्राथमिक विद्यालय रूईधासा में स्कूली बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन दिया जाता है. इसकी गुणवत्ता ठीक नहीं होने की वजह से स्कूली बच्चे भोजन को कूड़ेदान में फेंक रहे हैं. जब स्कूल की बच्चों से खाना फेंकने की वजह पूछा गया, तो खराब भोजन दिए जाने की बात कह रहे है. वहीं खराब भोजन मिलने से नाराज बच्चे के परिजनों ने भी कई बार सवाल उठाए है, लेकिन आज तक कोई सुधार नहीं हो पाया है. वहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी से पूछने पर उन्होंने मामले की जांच का आदेश दिया है.
खाने की गुणवत्ता के खिलाफ खाने का बहिष्कार
किशनगंज के इस स्कूल में अधिकतम गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करने वाले लोगों के बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते है. इस स्कूल में मिड डे मील तो बच्चों को दिया जाता है, लेकिन मिड डे मील के नाम पर शिक्षा विभाग, गरीब के बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते नजर आ रहे है. जिसके खिलाफ स्कूली बच्चों ने खुद मोर्चा खोल दिया है. बच्चों ने खाने की गुणवत्ता के खिलाफ खाने का बहिष्कार करते हुए उसे कूड़ेदान में फेंका. किशनगंज शहर के कुल 181 सरकारी विद्यालय में जन चेतना जागृति और शैक्षिक विकास मंच नामक संस्था भोजन सप्लाई करते आ रहे है. वहीं बच्चे के अभिभावकों ने भी बच्चों के बीच घटिया भोजन पड़ोसने का विरोध कर कहा कि ऐसे भोजन से बच्चे आये दिन पेट दर्द की शिकायत करते है.
एनजीओ के खिलाफ होगी कार्रवाई
स्कूल के प्रधान शिक्षक से पूछने पर उन्होंने कहा कि एनजीओ के द्वारा लगातार घटिया भोजन स्कूल के बच्चों को खिलाने के लिए उपलब्ध करवाया जाता है. जिसकी शिकायत मेरे द्वारा शिक्षा विभाग के अधिकारियों से की जाती है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. वहीं मामले को लेकर जब किशनगंज जिला शिक्षा पदाधिकारी सुभाष गुप्ता से पूछा गया तो उन्होंने त्वरित कार्यवाही करते हुए मामले की जांच का आदेश डीपीओ एमडीएम को दिया. उन्होंने कहा कि जांच के बाद संबंधित भोजन उपलब्ध करवाने वाले एनजीओ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
मिड डे मील योजना का उद्देश्य स्कूली बच्चों को दोपहर का भोजन दिया जाना है. ताकि कोई भी बच्चा विद्यालय में भूख से संघर्ष ना करें. इसके अलावे बच्चों की उपस्थिति विद्यालय में अधिक से अधिक हो, लेकिन किशनगंज के स्कूलों में मिलने वाली मिड मिल कूड़े दान में फेंका जा रहा है. इसका जिम्मेदार कौन हर हाल में बिहार सरकार को इसका हिसाब लेने की जरूरत है.
इनपुट- अमित
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