Purnea: पूर्णिया में LJP नेता अनिल उरांव का शव पुलिस ने बरामद किया है. 29 अप्रैल को अनिल उरांव का अपहरण हुआ था और अब उनका शव पुलिस ने कृत्यानंद नगर के डगराहा से बरामद किया है.मामला हाई प्रोफाइल इसलिए हो गया है क्योंकि एलजेपी नेता का अपहरण करने के बाद बदमाशों ने परिजन से फिरौती के तौर पर 10 लाख रुपये मांगे गए थे. फिरौती की रकम अपहरणकर्ताओं को दी गई लेकिन उसके बाद भी अपराधियों ने एलजेपी नेता की हत्या कर दी. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

नेता के परिजन पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं. परिजनों के मुताबिक, पुलिस उन्हें दिलासा देती रही लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं किया गया. फिरौती की रकम देने के बाद भी पुलिस अनिल उरांव को जिंदा नहीं बचा सकी. ये घटना प्रदेश में जंगलराज को उजागर करती है. साथ ही पुलिस की नाकामी को भी दिखाती है. 


ये भी पढ़ें- शहाबुद्दीन की मौत पर पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी को दुख, दिवंगत पति को याद कर कही ये बड़ी बात


गौरतलब है कि अपहरण के बाद अनिल उरांव के अगवा होने की शिकायत परिजनों ने पुलिस में दर्ज कराई थी. पुलिस मामले की छानबीन में जुटी थी.लेकिन, पुलिस कुछ प्लान कर पाती उससे पहले ही अपराधियों ने उरांव की हत्या कर दी. 


पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और उसके बाद परिजनों को शव सौंप दिया गया है. घटना से नाराज अनिल उरांव के परिजन आंदोलनरत हैं. जिन्हें समझाने की कोशिश की जा रही है. 


बता दें कि इससे पहले भी अनिल उरांव के परिजन पूर्णियां में जाम लगाकर एलजेपी नेता की सकुशल बरामदगी की गुहार लगा चुके हैं. एलजेपी नेता अनिल उरांव मनिहारी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते थे. अनिल उरांव का पैतृक घर पूर्णिया के जेपी नगर में ही है. इस घटना से सूबे में जंगलराज का शोर मच सकता है. यह संभव है कि अब इस मामले को लेकर विपक्ष राज्य सरकार पर सवाल खड़े करे.