Patna Purnea Expressway: बाढ़ में डूबी रहने वाली जमीन भी बन गई सोना! ऊसर-बंजर पर भी दांव लगा रहे पैसेवाले
Patna Purnea Expressway: इन्वेस्टमेंट के नाम पर पटना पूर्णिया एक्स्प्रेसवे के संभावित रास्ते में पड़ने वाली जमीनों के रेट में बंपर इजाफा हुआ है. बाढ़ में डूबी जमीनों की भी बोलियां लग रही हैं और पैसे लगाने वाले लगा भी रहे हैं.
Patna Purnea Expressway Land Rate: पटना से पूर्णिया के बीच में जो एक्सप्रेसवे बनने वाला है, वे वास्तव में किस रूट से गुजरेगा, यह तो पता नहीं है लेकिन यहां, वहां, जहां, तहां के जमीनों की कीमतों में जबर्दस्त इजाफा हुआ है. ग्राहक पैसे लगाने को तैयार हैं तो माफिया भी उनको सपने दिखाकर माल बनाने में लगे हुए हैं. आलम यह है कि बाढ़ में डूबी जमीन पर भी दांव लगाकर पैसे इन्वेस्ट किए जा रहे हैं. आज एक ही है कि कही इधर से पटना पूर्णिया एक्सप्रेसवे गुजर गया तो बल्ले बल्ले हो सकता है. आज स्थिति यह है कि आज बिहार के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं. पटना से लेकर मुंगेर तक 64 ब्लॉकों में बाढ़ गंभीर स्थिति में है. कई जगहों पर तो बच्चों की परीक्षा तक स्थगित कर दी गई है, लेकिन यही बाढ़ का पानी इन्वेस्टमेंट की बाढ़ को नहीं रोक पा रहा है. कागजों में जमीनों के सौदे हो रहे हैं तो भौतिक सत्यापन के लिए बाढ़ के खत्म होने का इंतजार किया जा रहा है.
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पटना पूर्णिया एक्सप्रेसवे के बारे में अभी तक जो जानकारी सामने आई है, उसके हिसाब से यह एक्सप्रेसवे पटना, समस्तीपुर, दलसिंहसराय, रोसड़ा, सिमरी बख्तियारपुर, उदाकिशुनगंज होते हुए पूर्णिया पहुंचेगा. इस रास्ते में कई ऐसे इलाके पड़ेंगे जो बाढ़ग्रस्त होंगे पर न तो इन्वेस्टर्स को इसकी फिक्र है और न ही माफिया को. डील पर डील हुई जा रही है.
पूर्णिया शहर में ही जमीनों की कीमत 15 लाख रुपये से बढ़कर 25 लाख रुपये प्रति कट्ठा हो गई है. मेन रोड पर तो जमीन है ही नहीं. शहर से बाहर ग्रामीण इलाकों की जमीनों के दाम भी तेजी से बढ़े हैं. बनमखी और बिहारीगंज इलाकों में भी जमीन की कीमतों में काफी वृद्धि देखी जा रही है.
मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में बिहार सरकार को तगड़ा गिफ्ट देते हुए पटना पूर्णिया एक्सप्रेसवे का ऐलान किया था. पटना पूर्णिया एक्सप्रेसवे 275 किलोमीटर लंबा होगा. बिहार में एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए मोदी सरकार ने 12,600 करोड़ रुपये जारी भी कर दिया है.
पटना पूर्णिया एक्सप्रेसवे के बन जाने से दोनों शहरों के बीच की दूरी महज 3 घंटे की रह जाएगी, जो अभी 7 घंटे में तय करनी होती है. आज के समय में पटना से पूर्णिया जाने के लिए नेशनल हाइवे 31 पर सफर करना होता है, जो 310 किलोमीटर का फासला है.
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पटना पूर्णिया एक्सप्रेसवे की खासियत यह है कि यह 6 लेन का होगी और दोनों तरफ सर्विस रोड से लैस होगी. इसपर केवल 3 या 4 कनेक्टिविटी होगी, जिससे आसपास के इलाकों के लोग सर्विस रोड से सफर कर सकेंगे. लंबा सफर तय करने के लिए ही एक्सप्रेसवे पर आना होगा. एक्सप्रेसवे पर वाहनों की गति 120 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी. इस एक्सप्रेसवे के रास्ते में 17 बड़े पुल, 6 रेल ओवरब्रिज बनाए जाएंगे.