सहरसा:Bihar Famous Shiv Mandir: सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड अंतर्गत बलवाहाट में मिनी बाबा धाम के नाम से प्रसिद्ध बाबा मटेश्वर धाम मंदिर में एक ऐसा अद्भुत शिवलिंग है जो स्वयं अंकुरित हुआ है. काले पत्थर का यह चमत्कारी शिवलिंग पाताल से निकला प्रतीत होता है. बाबा मटेश्वर के संबंध में कई रोचक घटनाओं की चर्चा एवं जनश्रुतियां इस भूभाग में सुनाई जाती है. इस शिवलिंग के पास सावन और भादो छोड़कर सालों भर जल भरा रहता है. जिसे आज तक बड़े से बड़ा इंजीनियर और पुरातत्व विभाग पता लगाने में असफल रहा है. इस शिवलिंग का पृथ्वी से कोई स्पर्श नही होकर काले पत्थर का बना चबूतरा एवं शिवलिंग के चारो ओर से गोलाई में डेढ़ इंच का शून्य स्थान है जिसमे हमेशा जल भरा रहता है जिसकी गहराई का वर्णन अवर्णनीय है.


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पीढ़ी दर पीढ़ी सदियों गुजर गए पर अब तक इसकी गहराई का पता नही लगाया जा सका है. मान्यता है कि इस मंदिर में जो भी मनोकामनाएं मांगी जाती है महादेव उनकी मनोकामनाओं को जरूर पूर्ण करते हैं. हाल के दिनों में पुरातत्व विभाग द्वारा जब मन्दिर परिसर में खुदाई की गई तो कई प्राचीन और दुर्लभ भगवान की मूर्तियां मिली. यूं तो मटेश्वर धाम में पूजा अर्चना करने दूर दराज से सालों भर श्रद्धालु आते जाते रहते हैं लेकिन खास तौर पर सावन माह में हजारों - लाखों की संख्या में शिवलिंग पर जलाभिषेक करने दूर दराज से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. जिसको लेकर प्रशासन की चाक चौबंद व्यवस्था यहां रहती है.


सावन शुरू होते ही जैसे लोग कांवर लेकर देवघर स्थित बाबा बैजनाथ धाम जाते हैं वैसे ही कांवरियों का जत्था मुंगेर गंगा घाट से जलकर लेकर कई किलोमीटर का सफर तय करके पैदल यहां पहुंचते हैं और मटेश्वर धाम में शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं. मंदिर से जुड़े लोगों का कहना है सावन माह में मुंगेर घाट से जल भरकर 80 किलोमीटर का सफर तय करके आने वाले कावरियों के लिए प्रसासन द्वारा उचित व्यवस्था होनी चाहिए. इसकी मांग लोगों ने मंत्री गिरिराज सिंह से भी की थी जिस पर उन्होंने आश्वासन भी दिया था लेकिन प्रशासन द्वारा इस पर कोई अमल नहीं किया जाता है.


इनपुट- विशाल कुमार


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