हजारीबाग (झारखंड): केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने रविवार को पूर्ववर्ती संप्रग (यूपीए) सरकार की आलोचना की. उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार पर आरोप लगाया कि उसने दूसरे भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) की स्थापना के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों की अनदेखी की.


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सिंह ने कहा, "हालांकि जैसे ही नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार केंद्र में आई उसने तुरंत प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक स्वामीनाथन की सिफारिशों पर गौर किया और बिना किसी देरी के नई दिल्ली के बाद देश के दूसरे आईएआरआई संस्थान की स्थापना की अनुमति दी."


कृषि मंत्री ने गोरिया करमा में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के प्रशासनिक ब्लॉक के उद्धाटन के बाद कहा कि मोदी प्रदर्शन करने में विश्वास रखते हैं सिर्फ घोषणाएं करने में नहीं. गोरिया करमा हजारीबाग कस्बे से 49 किलोमीटर दूर है.


सिंह ने कहा कि मोदी ने जून 2015 में आईएआरआई की आधारशिला रखी थी. आईएआरआई परियोजना युवा कृषकों और वैज्ञानिकों की किस्मत बदल देगी क्योंकि उन्हें कृषि विज्ञान में बेहतर शिक्षा और अनुसंधान सुविधा मिलेगी.


सिंह ने कहा कि 200 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस संस्थान के कामकाज से पूरे पूर्वी भारत और उत्तर प्रदेश में कृषि क्रांति आएगी. जिसमें कृषि विकास के लिए बहुत-सी संभावनाएं होंगी और किसानों की आय बढ़ेगी.


केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हर साल 159 वैज्ञानिकों को कृषि क्षेत्र में बेहतर प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण मिलेगा और इसके लिए 90 शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी. संस्थान में तीन संकाय (फैकल्टी) कृषि, पशुपालन और अनुसंधान होंगे.


केंद्रीय नागर विमानन राज्य मंत्री एवं हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं ने हजारीबाग तथा रामगढ़ जिले के सर्वांगीण विकास में मदद की है.


(इनपुट-भाषा)