साहिबगंज में गर्भवती महिला के घर नहीं पहुंच सकी एंबुलेंस, खाट पर लादकर 2 किलोमीटर चले परिजन
मैसी पहाड़ीन गर्भवती थीं. जिन्हें प्रसव के लिए बोरियो स्वास्थ्य केंद्र ले जाना था. मरीज के गांव तक एंबुलेंस नही पहुंच सकी. जिस कारण मरीज के परिजन को डेढ़ से दो किलोमीटर तक खाट में लाद कर लाना पड़ा.
साहिबगंजः एक तरफ जहां सरकार बेहतरीन स्वास्थ्य सेवा और व्यवस्था की बात कर रही है तो वहीं दूसरी ओर आजादी के 75वर्ष बाद भी खाट पर स्वास्थ्य सेवा पड़ी हुई है. भाजपा ने इस पर तंज कसते हुए सरकार को संज्ञान लेने की बात कही है. साहिबगंज जिले के बोरियो प्रखंड के बड़ा रक्सो पंचायत के मठियो गांव से सोमवार को एक तस्वीर निकल कर सामने आई. जिसमें आदिम जनजाति के कुछ लोग एक महिला मरीज मैसी पहाड़ीन को खाट में टांग कर अस्पताल ले जा रहे हैं. ये हाल उसे जिले के स्थित गांव का है, जहां की विधानसभा सीट से सीएम खुद चुनकर आए हैं. साहिबगंज में ये ऐसा पहला मामला सामने नहीं आया है, बल्कि पहले भी मरीजों को इस तरह खाट पर लेकर अस्पताल ले जाना पड़ा है.
गर्भवती महिला को पहुंचाना था अस्पताल
जानकारी के मुताबिक, मैसी पहाड़ीन गर्भवती थीं. जिन्हें प्रसव के लिए बोरियो स्वास्थ्य केंद्र ले जाना था. मरीज के गांव तक एंबुलेंस नही पहुंच सकी. जिस कारण मरीज के परिजन को डेढ़ से दो किलोमीटर तक खाट में लाद कर लाना पड़ा. इस संबंध में सिविल सर्जन बताते हैं कि ऐसे क्षेत्रों के लिए सरकार की डोली योजना है जिसमें मरीज को डाल कर एंबुलेंस तक लाया जाता हैं. लेकिन इस मामले में कहां चूक हुई इसकी हम जांच कराते हैं.
भाजपा ने कसा सरकार पर तंज
वहीं इस मामले में भाजपा विधायक ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि आजादी के 75वर्ष बाद भी हमारी सरकार आदिम जनजाति के भाई बहनों तक स्वास्थ्य सुविधा नहीं दे पाई हैं. यह सरकार के लिए शर्म की बात है सरकार इस पर संज्ञान लेते हुए उन गांवों तक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की . लेकिन यह बात सच है कि जो तस्वीर निकल कर सामने आई हैं वह निश्चित रूप से स्वास्थ्य सुविधा पर सवाल खड़े करते हैं.
रिपोर्टः पंकज वर्मा
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