आत्मा के कर्मचारियों ने चाईबासा में दिया एक दिवसीय धरना, बोले-11 वर्षों से नहीं सुनी जा रही फरियाद
कर्मचारियों का कहना है कि इस वजह से उन्होंने सरकार के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया है. कर्मचारियों का कहना है कि उनके द्वारा पूरे झारखण्ड में केंद्र व राज्य सरकार के कृषि से जुड़ी योजनाओं को धरातल पर लाने का काम किया जाता है.
चाईबासाः स्थायी समायोजन सहित अन्य मांगों को लेकर कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी यानि आत्मा के कर्मियों ने शनिवार को पश्चिम सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा के विभागीय कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. इस मौके पर आत्मा से जुड़े तमाम कर्मचारी मौजूद थे. धरना दे रहे कर्मचारियों का कहना था की पिछले 11 सालों से वे लोग सरकार को अपनी मांगों से अवगत करा रहे हैं लेकिन उनकी मांगों पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है.
सरकार के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन
कर्मचारियों का कहना है कि इस वजह से उन्होंने सरकार के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया है. कर्मचारियों का कहना है कि उनके द्वारा पूरे झारखण्ड में केंद्र व राज्य सरकार के कृषि से जुड़ी योजनाओं को धरातल पर लाने का काम किया जाता है. कृषकों को सहयोग कर उन तक सरकारी योजनायें पहुंचाई जाती है. देश के अन्नदाताओं को बेहतर कृषि और सरकारी योजना से लाभावन्वित करने वाले आत्मा के कर्मियों पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है. आज भी आत्मा कर्मी संविदा पर काम कर रहे हैं. जबकि सरकार के कई पद खाली पड़े हैं. इनपर आत्मा के अनुभवी कर्मचारियों को समायोजित किया जा सकता है.
पिछले 11 सालों से हो रही है मांग
यह मांग पिछले 11 वर्षों से झारखण्ड आत्मा कार्मिक संघ द्वारा की जा रही है. इसपर संघ को आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला है. यही नहीं आत्मा के कर्मियों को मासिक मानदेय भी नियमित रूप से भुगतान नहीं की जाती है. इससे आत्मा के कर्मियों की आर्थिक स्थिति बदतर हो गई है. आन्दोलन को आगे बढ़ाते हुए संघ द्वारा 5 सितम्बर को कलमबंद हड़ताल की जाएगी. इसके बाद 7 सितम्बर से आत्मा के कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे जबतक की उनकी मांगों को सरकार लिखित रूप से नहीं मान लेती है.