रामगढ़: बैंक ऑफ इंडिया सहजानंद चौक हरमू ब्रांच में पदस्थापित बैंक मैनेजर सुप्रियो मजूमदार ने रविवार को अनंतपुर स्थित अपने आवास में फंदे से लटक कर खुदकुशी कर ली. खुदकुशी से पहले सुप्रियो मजूमदार ने पांच पन्नों का एक सुसाइड नोट लिखकर छोड़ा है. सुसाइड नोट में मजूमदार ने अपनी मौत के लिए सीनियर मैनेजर क्रेडिट बीके सिंह , ब्रांच हेड प्रफुल्ल कुमार बहरा और रामगढ़ पुलिस को जिम्मेदार बताया है.


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मृतक ने अपने लेटर में लिखा है कि उन्होंने 2015 में बैंक ऑफ इंडिया में प्रोबेशनरी ऑफिसर के रूप में रामगढ़ केंट ब्रांच में क्रेडिट लोन सेक्शन में योगदान किया था. उन्होंने बैंक में ईमानदारी पूर्वक उन्होंने अपनी ड्यूटी की थी, लेकिन वर्ष 2018 में कुछ वित्तीय अनियमितता हुई इस मामले में रामगढ़ थाने में भी एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इस मामले का अनुसंधान सीबीआई ने भी किया था. इस मामले में सीबीआई ने सुप्रीम से भी पूछताछ की पूछताछ के बाद उन्हें क्लीनचिट मिल गया था, लेकिन उसके बाद भी इस मामले बी के सिंह प्रफुल्ल कुमार बेहरा और रामगढ़ पुलिस के द्वारा इतना प्रताड़ित किया गया कि वह सहन नहीं कर पाए और खुदकुशी का कदम उठाने का निर्णय लिया


इस पत्र में पत्नी बाबा और बहन के लिए लिखा कि उनकी पत्नी उन्हें माफ कर दे. इस केस में बिल्कुल वह बेगुनाह है. अपने बाबा के लिए लिखते हैं कि इस उम्र में जब मुझको आपकी देखभाल करनी चाहिए, तब मैं खुदकुशी कर रहा हूं मुझे माफ कर दीजिएगा. अपनी बहन के लिए लिखा है कि मुझे माफ कर देना बाबा का तुम ख्याल रखना अंत में सुसाइड नोट में लिखा है कि उनकी फैमिली के किसी भी सदस्य को इस मामले में जांच के नाम पर तंग नहीं किया जाए.


सीनियर क्रेडिट मैनेजर वीके सिंह और ब्रांच हेड प्रफुल्ल कुमार बेहरा जेल में


जब वित्तीय अनियमितता की जांच सीबीआई ने की और सुप्रियो मजूमदार को क्लीन चिट दी गई. इस दौरान सीनियर मैनेजर क्रेडिट बीके सिंह और ब्रांच हेड प्रफुल्ल कुमार बेहेरा को मामले में संतलिप्त पाते हुए उन्हें जेल भेज दिया गया. बताया जा रहा है कि दोनों अपने बयान में सुप्रियो मजूमदार को षड्यंत्र के तहत फंसाना चाह रहे थे और इनके खिलाफ होकर लगातार बयान दे रहे थे ताकि उन्हें परेशान किया जाए.