Ranchi: झारखंड उच्च न्यायालय ने सहायक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पर लगाई गई रोक को बृहस्पतिवार को हटा दिया, जिससे राज्य में 26,000 उम्मीदवारों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया. मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आनंद सेन की पीठ बहादुर महतो नामक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने सहायक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती दी है. 


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अदालत ने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) को सिर्फ 100 सीट खाली रखने का आदेश दिया. महतो ने राज्य सरकार के उस कदम को चुनौती देते हुए याचिका दायर की, जिसमें केवल पारा शिक्षकों (सरकारी स्कूलों में तयशुदा मानदेय पर काम करने वाले अनुबंधित शिक्षक) को आरक्षण का लाभ दिया गया था. महतो ने याचिका में कहा कि सरकार ने सहायक शिक्षकों की नियुक्ति में पारा शिक्षकों को 50 फीसदी का आरक्षण दिया है, जबकि शिक्षा विभाग में कार्यरत ‘ब्लॉक रिसोर्स पर्सन’ और ‘क्लस्टर रिसोर्स पर्सन’ को आरक्षण का कोई लाभ नहीं दिया गया है. 


उन्होंने यह भी दलील दी कि आयोग द्वारा 2023 में बनाई गई सहायक शिक्षक नियुक्ति नियमावली से अनुबंध पर नियुक्त शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को वंचित कर दिया जाएगा और इससे भारी पक्षपात होगा. सरकार ने 26,000 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए व्यापक योजना बनाई थी. कुल 12,888 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति पारा शिक्षकों से की जाएगी जबकि 13,133 सहायक शिक्षकों के पद गैर पारा शिक्षक वर्ग से भरे जाएंगे. कक्षा एक से पाचवीं और कक्षा छह से 8वीं तक के लिए सहायक शिक्षकों की नियुक्ति होनी है. 


इससे पहले पांच सितंबर को याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी. याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और आयोग के वकीलों ने पीठ को अवगत कराया कि रोक के आदेश से नियुक्ति प्रक्रिया में देरी होगी और उम्मीदवार अपनी नियुक्ति से वंचित रह जायेंगे. 


(इनपुट भाषा के साथ)