यूएई के इन्वेस्टमेंट समिट का हिस्सा नहीं बन पाएंगे सीएम हेमंत सोरेन, केंद्र से नहीं मिला क्लीयरेंस
अबू धाबी के नेशनल एग्जीबिशन सेंटर में 8 से 10 मई तक एनुअल इन्वेस्टमेंट मीट कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए यूएई फॉरेन ट्रेड के मंत्री और इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट काउंसिल के उपाध्यक्ष डॉ. तनानी बिन अहमद अल जियोदी ने फरवरी 2023 में ही पत्र लिखकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आमंत्रित किया था.
रांची: संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी में आयोजित इन्वेस्टमेंट समिट में जाने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भारत सरकार के विदेश मंत्रालय की ओर से राजनीतिक क्लीयरेंस नहीं मिल पाया. सीएम हेमंत सोरेन अब इन्वेस्टमेंट समिट का हिस्सा नहीं बन पाएंगे.
बता दें कि अबू धाबी के नेशनल एग्जीबिशन सेंटर में 8 से 10 मई तक एनुअल इन्वेस्टमेंट मीट कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए यूएई फॉरेन ट्रेड के मंत्री और इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट काउंसिल के उपाध्यक्ष डॉ. तनानी बिन अहमद अल जियोदी ने फरवरी 2023 में ही पत्र लिखकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आमंत्रित किया था. इसके बाद मुख्यमंत्री सचिवालय की ओर से उद्योग विभाग को आगे की प्रक्रिया बढ़ाने का निर्देश दिया गया था. विदेश मंत्रालय से राजनीतिक क्लीयरेंस न मिलने से यह पूरा मामला खटाई में पड़ गया है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को यूएई के दौरे के लिए राजनीतिक क्लीयरेंस न मिलने को झारखंड के सत्तारूढ़ गठबंधन के दल मुद्दा बना सकते हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता डॉ. तनुज खत्री ने कहा है कि केंद्र की सत्तारुढ़ भाजपा सरकार झारखंड का विकास नहीं चाहती है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विदेश मंत्रालय से राजनीतिक क्लीयरेंस नहीं मिला. केंद्र की भाजपा सरकार पहले भी झारखंड के विकास की राह में रोड़े अटकाती रही है और यह कोई नहीं बात नहीं है.
इनपुट- आईएएनएस