रांची : Presidential Election 2022: 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होना है. इसके लिए देश की सत्ताधारी पार्टी और उनके गठबंधन NDA की तरफ से द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया है, वहीं UPA की तरफ से विपक्ष के साक्षा उम्मीदवार के रूप में यशवंत सिन्हा मैदान में हैं. दोनों ही उम्मीदवार लगातार देश के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचकर अपना चुनाव प्रचार कर रहे थे और अपने पक्ष में समर्थन की मांग कर रहे थे. 


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पहले ही झामुमो कर चुकी है द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान
बता दें कि द्रौपदी मुर्मू का जन्म ओडीशा में हुआ और वह झारखंड के राज्यपाल के तौर पर काम कर चुकी हैं. ऐसे में झारखंड से उनका गहरा नाता रहा है. वहीं यशवंत सिन्हा का जन्म बिहार में हुआ और उनकी कर्मभूमि भी झारखंड रही है. ऐसे में यह मुकाबला कैसा होगा इसके लिए लोगों की नजर झारखंड के सियासी दलों पर टिकी हुई है. झारखंड में कांग्रेस और झामुमो मिलकर सरकार चला रहे हैं. ऐसे में यशवंत सिन्हा को कांग्रेस के साथ झामुमो के समर्थन का भरोसा था. लेकिन आदिवासी केंडिडेट की वजह से झामुमो ने द्रौपदी मुर्मू के समर्थन का ऐलान किया है.  


हेमंत सोरेन से भी मिले यशवंत सिन्हा
हेमंत सोरेन और उनकी पार्टी ने पहले ही द्रौपदी मुर्मू के समर्थन का ऐलान कर दिया है, लेकिन इस सब के बाद भी यशवंत सिन्हा ने सुबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी मुलाकात कर अपने पक्ष में वोट मांगा. 


झामुमो के द्वारा द्रौपदी मुर्मू के समर्थन के ऐलान से कांग्रेस असहज
राष्ट्रपति चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की तरफ से द्रौपदी मुर्मू के समर्थन के ऐलान के बाद से ही सरकार में सहयोगी कांग्रेस पार्टी असहज महसूस कर रही है.  जबकि झामुमो द्वारा द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की आधिकारिक घोषणा कर दी गई है. कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चलाने के कारण झामुमो इस मामले में पहले खुलकर सामने आने से परहेज कर रहा था. 


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 द्रौपदी मुर्मू के समर्थन मामले पर ये बोले मिथिलेश ठाकुर  
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने एनडीए के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की समर्थन का ऐलान किया है. भाजपा से बढ़ती नजदीकियों को राजनीतिक गलियारे में इसे कांग्रेस और झामुमो के बीच गठबंधन में दरार के रूप में देखा जा रहा है. हेमंत सरकार की सेहत पर इसका क्या असर पड़ेगा जब इस बारे में मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि झारखंड में सरकार है और मजबूत सरकार है. उन्होंने कहा कि पहली बार कोई आदिवासी महिला वह भी हमारे राज्य से सटे जिले की है, उन्हें राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया गया है. इसलिए पार्टी सुप्रीमो और संगठन ने उनका समर्थन करने का निर्णय लिया है. इस मौके को हम खो नहीं सकते हैं. रही बात गठबंधन की तो वह सरकार चलाने के लिए है, नीतिगत फैसलों के लिए नहीं.