हो भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर सैकड़ों आदिवासी दिल्ली रवाना
Ho Tribals Protest: आदिवासी समाज के हो भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर चक्रधरपुर से आदिवासी हो समाज युवा महासभा के सैकड़ों सदस्य चक्रधरपुर स्टेशन उत्कल एक्सप्रेस में सवार होकर दिल्ली कूच कर गए
चक्रधरपुर: Ho Tribals Protest: आदिवासी समाज के हो भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर चक्रधरपुर से आदिवासी हो समाज युवा महासभा के सैकड़ों सदस्य चक्रधरपुर स्टेशन उत्कल एक्सप्रेस में सवार होकर दिल्ली कूच कर गए. मालूम रहे कि आगामी 21 अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर में हो भाषी आदिवासी समाज के लोग बड़े पैमाने पर धरना प्रदर्शन करेंगे और हो भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग केंद्र सरकार से करेंगे.
इस दौरान समाज के लोगों का यह भी प्रयास है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर इसको लेकर एक मांग पत्र सौंपा जाए और समाज के इस बड़ी मांग को रखा जाए. दिल्ली में धरना प्रदर्शन के लिए जा रहे आदिवासी हो समाज के लोगों में सृजन हाईबुरू, रविन्द्र गिलुआ, मदन कुमार बोदरा, बाशील हेम्ब्रम, देवराज चातर आदि मुख्य रूप से मौजूद थे. बताया गया है कि 17 अगस्त से ही देश के झारखंड सहित असम, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और अन्य राज्यों से हो भाषी आदिवासी समाज के लोग दिल्ली रवाना हो रहे हैं.
शनिवार को भी बड़ी संख्या में चक्रधरपुर के अलावे टाटानगर, राजखरसावां, मनोहरपुर आदि स्टेशनों से समाज के लोग उत्कल एक्सप्रेस से दिल्ली के लिए रवाना हुए. अपनी मांगों को लेकर चक्रधरपुर स्टेशन में समाज के लोगों ने नारे भी लगाए और कहा कि हो भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने से समाज का चहुंमुखी विकास होगा. दिल्ली जा रहे समाज के लोगों को विदाई देने के लिए भाजपा प्रदेश एसटी मोर्चा के महामंत्री विजय मेलगांडी और उनकी धर्मपत्नी गीता मेलगांडी भी पहुंची थी.
इनपुट- आनंद प्रियदर्शी
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