रांची: झारखंड में बिजली वितरण कंपनियां अगर सेवाएं देने में कोताही या लापरवाही करती हैं तो उन्हें उपभोक्ताओं को प्रतिदिन के हिसाब से हर्जाना देना होगा. अगर कंपनियां आवेदन के 30 दिनों के भीतर बिजली का कनेक्शन नहीं देती हैं या हर महीने बिल नहीं देती हैं तो भी उन पर हर्जाना लगाया जाएगा. झारखंड स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने इसे लेकर राज्य की सभी बिजली वितरण कंपनियों को निर्देश जारी किया है. निर्देशों में कहा गया है कि कंपनियां यह सुनिश्चित करें कि शहरी क्षेत्र में अगर किसी ट्रांसफॉर्मर का फ्यूज उड़ जाए तो उसे अधिकतम चार घंटे में ठीक किया जाए.


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ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी गड़बड़ी को ठीक करने के लिए अधिकतम 24 घंटे का वक्त दिया गया है. शहरी क्षेत्र में ट्रांसफार्मर जलने पर उसे 24 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 48 घंटे में बदलना होगा. ऐसा न होने पर कंपनियों को उस ट्रांसफॉर्मर से जुड़े सभी उपभोक्ताओं को प्रतिदिन के हिसाब से 25 रुपए का हर्जाना देना होगा. बता दें कि राज्य में बिजली का वितरण करने वाली पांच लाइसेंसी कंपनियां हैं. इनमें झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम, टाटा पावर, सेल बोकारो, जुस्को और डीवीसी शामिल हैं.


बता दें कि विद्युत उपभोक्ताओं की सुविधा और सेवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग की तरफ से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसी क्रम में पावर सप्लाई करने वाली सभी कंपनियों को आयोग ने आदेश जारी किया है. बता दें कि हाल ही में झारखंड में बिजली के दरों में भी बढ़ोतरी की गई थी. इसके अलावा राज्य सरकार की तरफ से 125 यूनिट फ्री बिजली भी दी जा रही है.


इनपुट- आईएएनएस


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