रांची: झारखंड सरकार शिक्षा को मजबूत करने को लेकर नई नीति बना रही है और उसी नीति को धरातल पर उतारने को लेकर काफी प्रयास किया जा रहा है. अधिकारियों के उदासीनता के कारण मॉडल विद्यालय का सपना साकार नहीं हो पा रहा है. गौरतलब है कि लातेहार जिला के प्रखंड बालूमाथ मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूरी पर स्थित मॉडल विद्यालय है.


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बता दें कि विद्यालय में ना तो पीने के लिए कोई पानी का व्यवस्था है और ना शौचालय का शौचालय तो बनाए गए हैं लेकिन पानी के अभाव के कारण उपयोग में नहीं है. इस विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे और शिक्षक अपने घर से बोतल में पानी भरकर लाते हैं और शौचालय खुले मैदान में जाने के लिए विवश है. पानी नहीं रहने के कारण मध्यान भोजन नहीं बनता है बच्चे अपने घर से लंच लेकर आते हैं. विद्यालय के बच्चों ने कहा कि यहां पर किसी भी चीज का व्यवस्था नहीं है न तो क्लास रूम में पंखे की व्यवस्था है और ना शौचालय हम लोग को मध्यान्ह भोजन भी नहीं दिया जाता है. हम लोग घर से लंच लेकर आते हैं. 


विद्यालय को केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर खोला गया था विद्यालय खोलने का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा देना था, लेकिन यहां के बच्चे को झारखंड के मुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री और भारत के राष्ट्रपति का भी नाम बच्चे को नहीं पता है. विद्यालय में लाखों रुपया के स्मार्ट क्लास कराने के लिए समान धूल फांक रहे हैं बिजली नहीं रहने के कारण बच्चे को स्मार्ट क्लास के सुविधा नहीं मिल पा रही है.


इस संबंध में विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने कहा कि विद्यालय में पानी का घोर अभाव है विद्यालय उच्च स्थान पर खोले गए हैं जिस कारण पानी जल्दी नहीं निकलता है. प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी ने कहा कि पहले की अपेक्षा विद्यालय में सुधार हुई है और इसे हम लोग हर चीज का व्यवस्था करवाने के लिए वरीय पदाधिकारी को लेटर लिखे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पाई.


इनपुट- रिपोर्टर, जी बिहार झारखंड 


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