झारखंड के आदित्य कुमार ने अंडर-15 एशियाई रेसलिंग चैंपियनशिप में जीता कांस्य, बनाया ये बड़ा रिकॉर्ड
खेल की दुनिया में झारखंड ने एक और नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है. झारखंड के रहने वाले आदित्य कुमार ने अंडर-15 एशियाई रेसलिंग चैंपियनशिप में जीत दर्ज करते हुए कांस्य पदक पर अपना कब्जा जमाया है. बहरीन के मनामा में अंडर 15 एशियाई रेसलिंग चैंपियनशिप चल रही है.
Ranchi: खेल की दुनिया में झारखंड ने एक और नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है. झारखंड के रहने वाले आदित्य कुमार ने अंडर-15 एशियाई रेसलिंग चैंपियनशिप में जीत दर्ज करते हुए कांस्य पदक पर अपना कब्जा जमाया है. बहरीन के मनामा में अंडर 15 एशियाई रेसलिंग चैंपियनशिप चल रही है. 2 से 10 जुलाई तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में शनिवार को शानदार मुकाबला हुआ. जिसमें आदित्य कुमार ने अपने प्रतिद्वंदी को पटखनी देकर कांस्य अपने नाम किया. इतना ही नहीं इसके साथ ही आदित्य ने इतिहास भी रच दिया है. आदित्य अपनी उम्र के झारखंड के पहले पहलवान खिलाड़ी बन गए हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय मेडल भारतीय कुश्ती टीम की झोली में डाला है.
परिस्थितियों को पटखनी देकर पाया मुकाम
आदित्य कुमार के पिता ऑटो चालक है जबकि उनकी मां पारा शिक्षका हैं, तमाम तरह की परिस्थितियों का सामना कर आदित्य ने ये सफर तय किया है. 2017-18 में झारखंड स्टेट स्पोर्ट्स प्रमोशन सोसायटी से उन्होंने प्रशिक्षण शुरू लेना शुरू किया था. अपनी कला का उम्दा प्रदर्शन दिखाते हुए आदित्य ने राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई. हरियाणा के सोनीपत में भारतीय कुश्ती टीम के चयन ट्रायल में आदित्य ने बेहतर खेल दिखाते हुए गोल्ड जीता था. अड़तालीस किलोग्राम भार वर्ग में आदित्य कुमार ने सोना अपने नाम करते हुए भारतीय कुश्ती टीम में भी अपना स्थान सुनिश्चित कर लिया था.
जीत के बाद बधाईयों का तांता
झारखंड के रामगढ़ के रहने वाले उभरते खिलाड़ी की जीत पर झारखंड राज्य कुश्ती संघ के अध्यक्ष भोला नाथ सिंह ने खुशी जताते हुए उन्हें मुबारकबाद दी है. वहीं संघ के महासचिव रजनीश कुमार और कोषाध्यक्ष बबलू कुमार ने भी बधाई दी है. उधर झारखंड स्टेट स्पोर्ट्स प्रमोशन सोसायटी के सीईओ,जी के राठौर और झारखंड खेल विभाग के अधिकारियों समेत तमाम पदाधिकारियों ने भी उन्हें इतनी बड़ी सफलता पर बधाई दी है. आदित्य के घर में भी मुबारकबाद देने वालों का तांता लगा हुआ है. उनके परिजनों की खुशी की कोई सीमा नहीं है. बेटे की जीत पर वो भी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.
(इनपुट: कामरान)