Ranchi: झारखंड के प्रतिभाशाली खिलाड़ी सौरभ तिवारी (Saurabh Tiwary)  का करियर लगातार गिरता जा रहा है. कभी अपने करियर की शुरुआत उनकी तुलना महेंद्र सिंह धोनी (M S Dhoni) से की जा रही थी, वहीं अब वो सिर्फ आईपीएल (IPL) और घरेलू क्रिकेट तक ही सीमित रह गए हैं. 


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सौरभ तिवारी का नाम आते ही लोग उनकी तुलना धोनी से करने लगे थे. आईपीएल में उन्होंने अपने करियर की शुरुआत में उन्होंने कुछ यादगार पारी खेली थी. उनकी पारी की वजह से फैंस को लगा था कि झारखंड को दूसरे सुपरस्टार मिल गया है. ललेकिन इसके बाद खराब फॉर्म और चोट की वजह से वो लगातार टीम से बाहर होते गए. 



11 की साल उम्र में शुरू किया था क्रिकेट खेलना 
बचपन से ही सौरभ को क्रिकेट खेलने का शौक था. उन्होंने 11 साल की उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था. इसके बाद वो झारखंड के लिए अंडर-14 भी खेले थे. 2006 में उन्हें रणजी खेलने का भी मौका मिल गया था. इसके बाद उन्होंने मलेशिया में अंडर-19 वर्ल्ड कप का खिताब भी जीता था. 


आईपीएल में बनाया अपना नाम 
आईपीएल के तीसरे सीजन में सौरभ तिवारी ने अपनी पॉवर हिटिंग से सबका ध्यान खींचा था. इस दौरान उनका लुक धोनी से काफी ज्यादा मिलता था. जिसके बाद उनकी तुलना धोनी से की जाने लगी थी. 2011 में उन्हें रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने उन्हें अपनी टीम में शामिल किया था. लेकिन इसके बाद उनका प्रदर्शन लगातार गिरता गया. 2014 में दिल्ली की टीम ने उन्हें मौका दिया था लेकिन चोट की वजह से वो एक भी मैच नहीं खेल पाए थे. 


टीम इंडिया में भी डेब्यू करने का मिला था मौका


सौरभ तिवारी के शानदार प्रदर्शन की वजह से 2010 के एशिया कप के दौरान टीम में चुना गया गया था. हालांकि इस दौरान वो टीम में शामिल नहीं किये गए थे. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में उन्हें डेब्यू करने का मौका मिला था. जिसमे उन्होंने तीन मैच खेले थे. जिसमे वो कुछ ख़ास नहीं कर पाए थे. इसके बाद उन्हें टीम इंडिया में कभी मौका नहीं मिला. 


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इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी हो गई है मुश्किल 
सौरभ तिवारी के लिए अब टीम इंडिया में वापसी करना बेहद मुश्किल हो रहा है. सौरभ लगातार घरेलू क्रिकेट से दूर हो रहे हैं. बढ़ती उम्र, ख़राब फिटनेस और फॉर्म की वजह से उनके लिए टीम इंडिया में जगह बनाना मुश्किल हो रहा है. टीम अब सूर्यकुमार यादव, ईशान किशन और संजू सैमसन जैसे खिलाड़ियों में भविष्य देख रही है.